BJP का विरोध करते-करते सनातन के खिलाफ हो गए अखिलेश यादव, ब्रजेश पाठक ने कहा-सदमे में हैं सपा मुखिया

BJP का विरोध करते-करते सनातन के खिलाफ हो गए अखिलेश यादव, ब्रजेश पाठक ने कहा-सदमे में हैं सपा मुखिया

ब्रजेश पाठक ने कहा कि भारत जब अपनी सांस्कृतिक चेतना को तेजी के साथ दुनिया के पैमाने पर पसारने का काम कर रहा है तो अखिलेश यादव को अच्छा नहीं लग रहा है. महाकुम्भ में भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना के महोत्सव में आस्था और आध्यात्मिक आह्लाद का अनूठा संगम हो रहा है.

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव फ्रस्टेट हो चुके हैं. विधानसभा उपचुनाव में 10 में से 8 सीटों पर वे बुरी तरह से पराजित हुए हैं. वो हार के सदमे में हैं. यही कारण है कि महाकुंभ में उमड़ा जनज्वार उन्हें भा नहीं रहा है, जनआस्था उन्हें स्वीकार नहीं हो रही है.

ब्रजेश पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव के मित्र राहुल गांधी इंडियन स्टेट से लड़ने की बात कर रहे हैं. अखिलेश सनातन धर्म से द्रोह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह लोग बीजेपी का विरोध करते-करते सनातन धर्म का विरोध करने लगे हैं.

हर क्षेत्र में दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहा भारत

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भारत इंफ्रास्ट्रक्चर, नवाचार, अंतरिक्ष विज्ञान समेत हर क्षेत्र में विश्व पटल पर दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहा है. उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लाशों पर राजनीति करने वाले लोग हैं. इन्हें प्रभु रामलला की जन्मभूमि पर बना भव्य मंदिर और महाकुम्भ भा नहीं रहा है.

महाकुम्भ जैसे आयोजन भारत की मजबूती के प्रतीक

ब्रजेश पाठक ने कहा कि भारत जब अपनी सांस्कृतिक चेतना को तेजी के साथ दुनिया के पैमाने पर पसारने का काम कर रहा है तो इन्हें अच्छा नहीं लग रहा है. महाकुम्भ में भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना के महोत्सव में आस्था और आध्यात्मिक आह्लाद का अनूठा संगम हो रहा है. विश्व सनातन भारतीय संस्कृति और परंपराओं का दर्शन कर रहा है. जाति-पाति, ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी से उठकर करोड़ों लोग डुबकी लगाकर जीवन को धन्य मान रहे हैं. यही अनेकता में एकता और भारत की मजबूती का प्रतीक है.

भारत की तरफ देख रही दुनिया

उन्होंने कहा कि कुम्भ पहले भी आयोजित होते रहे, लेकिन कभी किसी भी सरकार ने इतना ध्यान नहीं दिया. महाकुम्भ का आयोजन ऐसा कार्यक्रम बन गया है, जहां दुनिया भारत की तरफ देख रही है.