अयोध्या: सप्त मंदिर से लेकर कथा संग्रहालय तक… राम मंदिर में बन रहा भगवान का अद्भुत दरबार, निर्माण से लेकर दर्शन का क्या है नया अपडेट?

अयोध्या: सप्त मंदिर से लेकर कथा संग्रहालय तक… राम मंदिर में बन रहा भगवान का अद्भुत दरबार, निर्माण से लेकर दर्शन का क्या है नया अपडेट?

अयोध्या में भव्य राम मंदिर परिसर का निर्माण तेजी से जारी है. अंतर्राष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय अप्रैल 2026 तक पूरा होगा, जिसमें आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा. पंचवटी उद्यान 8 एकड़ में विकसित किया जा रहा है, जिसमें रामायण कालीन वृक्ष होंगे. राम मंदिर के मुख्य तल पर राम दरबार की प्रतिमा जल्द स्थापित होगी, और जून में प्राण प्रतिष्ठा होगी.

अयोध्या में भगवान श्रीराम के जीवन और संस्कृति को समर्पित भव्य योजनाएं तेजी से आकार ले रही हैं. भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने जानकारी दी है कि अंतरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है और इसे अप्रैल 2026 तक पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा. इसके बाद देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु भगवान राम की कथा और संस्कृति से तकनीकी और ऐतिहासिक दृष्टि से जुड़े विविध पहलुओं का दर्शन कर सकेंगे. इस बीच समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने अयोध्या पहुंचकर निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और कार्यदायी संस्थाओं की प्रगति की समीक्षा की.

शनिवार को राम कथा संग्रहालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में गैलरी के स्वरूप, उसमें प्रदर्शित की जाने वाली सामग्री और तकनीक को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. यह तय किया गया कि संग्रहालय की गैलरी में आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रामकथा से जुड़ी घटनाओं, प्रसंगों और पात्रों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि दर्शक एक जीवंत अनुभव पा सकें. संग्रहालय में डिजिटल डिस्प्ले, इंटरैक्टिव माध्यम और अत्याधुनिक विजुअल तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा.

की जाएगी हरियाली, लागे जाएंगे फलदार पेड़

इसके साथ ही, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रस्तावित पंचवटी उद्यान को लेकर भी राम मंदिर परिषद की एक बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में मंदिर परिसर के पर्यावरणीय संरक्षण और सौंदर्यीकरण को लेकर चर्चा की गई. मिश्रा ने स्पष्ट किया कि मंदिर परिसर में 60 फीसदी क्षेत्र में हरियाली और फलदार वृक्षों का रोपण किया जाएगा, जिससे न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति मिलेगी, बल्कि अयोध्या के पर्यावरण को भी लाभ होगा.

8 एकड़ जमीन पर बनेगा पंचवटी उद्यान

जानकारी के मुताबिक, पंचवटी उद्यान का निर्माण 8 एकड़ भूमि पर किया जाएगा, जहां रामायण काल से संबंधित वृक्षों जैसे पीपल, वट, आम, जामुन आदि को रोपा जाएगा. इस उद्यान में रामकथा को प्रकृति के संग समाहित करते हुए विकसित किया जाएगा. उद्यान का डिजाइन ऐसा होगा कि वहां आने वाले श्रद्धालु न केवल विश्राम कर सकें, बल्कि श्रीराम के जीवन से जुड़ी घटनाओं को भी आत्मसात कर सकें.

जीएमआर कंपनी को सौंपी जिम्मेदारी

इस महत्त्वपूर्ण परियोजना के लिए जीएमआर कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. जीएमआर कंपनी मंदिर परिसर के हॉर्टिकल्चर कार्य का संचालन करेगी और सुनिश्चित करेगी कि पर्यावरण के अनुकूल पौधों और हरियाली का विकास हो.इन योजनाओं के साथ अयोध्या न केवल एक आध्यात्मिक नगरी के रूप में और समृद्ध होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का एक आदर्श उदाहरण भी प्रस्तुत करेगी.

नृपेंद्र मिश्रा ने किया निरिक्षण

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अहम पड़ाव की ओर बढ़ रही गतिविधियां तेज हो गई हैं. शुक्रवार से शुरू हुई भवन निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई. समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने अयोध्या पहुंचकर निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और कार्यदायी संस्थाओं की प्रगति की समीक्षा की.

धीमी प्रगति पर जताया असंतोष

मिश्रा ने परकोटा और परकोटे के बाहर बनाए जा रहे सप्त मंदिरों की धीमी प्रगति पर असंतोष जताया. इनका निर्माण 30 मई तक पूरा होने की आशा थी, लेकिन फिलहाल काम संतोषजनक नहीं है. हालांकि, इन मंदिरों में भगवान और साधु-संतों की मूर्तियां पहुंच चुकी हैं.मुख्य मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्रतिमा 23 मई को पहुंचने वाली है, जिसे गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. इसके साथ ही, शेषा अवतार मंदिर में भी लक्ष्मण जी की प्रतिमा 30 मई से पहले स्थापित की जाएगी.

3 जून से राम दरबार मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा

जानकारी के मुताबिक, 3 जून से राम दरबार मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा विधिवत रूप से शुरू होगी और 5 जून को यह प्रक्रिया पूर्ण होगी. दर्शन की तिथि राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा घोषित की जाएगी, लेकिन दर्शन व्यवस्था को लेकर योजना तैयार है.प्रथम तल पर दर्शन के लिए पास सिस्टम लागू किया जाएगा. हर दिन 750 श्रद्धालु पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पास प्राप्त कर सकेंगे.

प्रत्येक घंटे में मिलेगा 50 श्रद्धालुओं को प्रवेश

प्रति घंटे 50 श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा. यह संख्या शुरुआती तीन महीनों के लोड फैक्टर टेस्टिंग के बाद बढ़ाई जा सकती है. रुड़की के वैज्ञानिकों द्वारा इस परीक्षण को अंजाम दिया जाएगा.मंदिर में लगाए गए 10 सेंसर पत्थरों की हलचल और भूकंप के समय चेतावनी देने का कार्य करेंगे. इन सेंसर के जरिए अगले तीन महीनों में मंदिर पर पड़ने वाले भार का विश्लेषण किया जाएगा.

सोने के होंगे भगवान के अस्त्र-शस्त्र

राम दरबार की टाइटेनियम से बनी प्रतिमा रक्षा मंत्रालय ने श्रद्धा स्वरूप मंदिर को समर्पित की है, लेकिन उसे स्थापित करने की योजना नहीं है. जयपुर में बनाई जा रही राम दरबार की पारंपरिक प्रतिमा प्रथम तल पर स्थापित की जाएगी.भूतल के दरवाजे स्वर्ण जड़ित हो चुके हैं, लेकिन प्रथम तल पर महाराष्ट्रीयन टिक वुड के दरवाजे लगाए जाएंगे. अभी सोने से सज्जा का काम बाकी है, जिसमें भगवान के अस्त्र-शस्त्र और आभूषण स्वर्ण से बनाए जाएंगे.

मंदिर के शिखर को स्वर्णमंडित करने का कार्य जुलाई अंत तक पूरा हो जाएगा.मुख्य मंदिर का हैंडओवर अगस्त के आखिरी सप्ताह में होगा, जबकि परकोटा नवंबर के अंत तक ट्रस्ट को सौंपा जाएगा. दिसंबर 2025 तक मंदिर परिसर के अधिकतर निर्माण कार्य पूरे हो जाएंगे.