आतंकी हमले में छूटा स्कूल, फिर कश्मीर से पहुंची मोहाली… अब 10वीं के नंबर बने चर्चा का विषय

आतंकी हमले में छूटा स्कूल, फिर कश्मीर से पहुंची मोहाली… अब 10वीं के नंबर बने चर्चा का विषय

जम्मू-कश्मीर की रहने वाली आइदा ने मोहाली में CBSE 10वीं की परीक्षा में टॉप किया है. उन्हें 98.6 पर्सेंट अंक प्राप्त हुए हैं. तीन सब्जेक्ट में उन्हें 100 में से 100 नंबर मिले हैं. लोग आइदा को इस सफलता पर बधाई दे रहे हैं, लेकिन किन कठिन परिस्थितियों में उन्होंने ये सफलता हासिल की है, ये उनसे और उनकी मां से बेहतर और कोई नहीं समझ सकता है.

13 मई को CBSE यानि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया था. देशभर से छात्रों की खुशी में झूमते हुए तस्वीरें सामने आईं थीं. उनमें से कुछ तस्वीरें काफी प्रेरणादायी रहीं. इन्हीं तस्वीरों में से एक चंडीगढ़ के ट्राईसिटी से सामने आई, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. यहां आइदा नाम की कश्मीरी लड़की ने 10वीं में पूरे मोहाली में टॉप किया. आइदा जम्मू-कश्मीर की मूल निवासी हैं. उनका डॉक्टर बनने का सपना है.

बात साल 2017 की है. उस समय आइदा जम्मू-कश्मीर के DPS स्कूल में पढ़ती थीं. छुट्टी वाले दिन DPS स्कूल में आतंकी घुस गए. सुरक्षाबलों के साथ उनकी मुठभेड़ हुई. कई दिनों चली मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराया. हालांकि बच्चों के अंदर एक डर सा बैठ गया. कई बच्चों के माता-पिता स्कूल भेजने से डरने लगे. इसी में आइदा भी थीं. आइदा 100 दिनों तक अपने घर पर ही बैठी रहीं. उनके पैरेंट्स ने सोचा कि ऐसी स्थिति रही तो इसका डॉक्टर बनने का सपना नहीं पूरा हो पाएगा.

3 सब्जेक्ट में 100 में 100 नंबर मिले

आइदा के पिता बैंक मैनेजर हैं, जबकि मां उसरा स्कूल में टीचर थीं. आइदा की बड़ी बहन उस समय 12वीं में पढ़ रही थीं. कुछ समय बाद आइदा की मां बच्चों को लेकर मोहाली के ट्राईसिटी रहने आ गईं. इस बार आइदा ने CBSC 10वीं का बोर्ड एग्जाम दिया था. अब जब रिजल्ट आया तो आइदा ने पूरे मोहाली में टॉप कर दिया. आइदा को मैथ, सांइस और इंफॉरमेशन में 100 में 100 नंबर मिले हैं. आइदा ने अपनी सफलता का राज कठिन परिश्रम और धैर्य को बताया है.

आइदा ने कहा कि जब आप मेहनत के साथ पढ़ाई करते हैं तो सफलता जरूर मिलती है. वहीं ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट की मुताबिक, प्रिंसिपल हीना शर्मा ने बताया कि आइदा की सफलता में स्कूल, फैकल्टी और पैरेंट्स का प्रयास साफ देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आइदा समाज में एक महत्वपूर्ण योगदान देंगी.

डॉक्टर बनना चाहती हैं आइदा

आइदा ने कहा कि उनका सपना डॉक्टर बनने का है. डॉक्टर ही क्यों बनना है, इसके बारे में आइदा ने कहा कि जब आप एक व्यक्ति को बचाते हैं तो आप मानवता की रक्षा करते हैं और इसी लक्ष्य के साथ मैं लोगों की सेवा करना चाहती हूं. यही कारण है कि वह डॉक्टर बनना चाहती हैं. आइदा के ही स्कूल में पढ़ने वाले आरुष धिमान ने 98.4 पर्सेंट और वरिष्ठी गर्ग ने 98 पर्सेंट अंक हासिल किए हैं. स्कूल के 68 बच्चों ने परीक्षा दी थी, जिनमें सात बच्चों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं. वहीं 17 बच्चों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं.