बिहार के कई पूजा पंडालों में पहंचे सीएम नीतीश कुमार, मां दुर्गा की पूजा की
महासप्तमी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शेखपुरा और खाजपुरा में दुर्गा पंडालों में पहुंचकर बिहार के लोगों को शुभकामनाएं दी. इन पंडालों के खुलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी पटना में स्थापित कई पूजा पंडालों पर जाकर माता की पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने बिहार के लोगों के लिए समृद्धि की कामना की.
नवरात्रि का त्योहार आते ही पूरे देश में एक अलग तरह का माहौल हो जाता है. घरों से लेकर गलियों तक मां दुर्गा के पंडालों की धूम रहती है. इसी धूम के बीच नवरात्रि के मौके पर महासप्तमी के दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राजधानी के कई पूजा पंडालों में जाकर पूजा अर्चना की. महासप्तमी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शेखपुरा और खाजपुरा में दुर्गा पंडालों में पहुंचकर बिहार के लोगों को शुभकामनाएं दी.
इन दिनों कई मंदिरों में नवरात्रि पर पूरे देश में भक्तिमय माहौल दिख रहा है. दुर्गा पूजा को लेकर बिहार की सड़कें जगमग हो चुकी हैं. दुर्गा पूजा का उत्सव नवरात्रि के छठे दिन से ही शुरू हो जाता है. दशमी तिथि यानी विजयदशमी के दिन ये समाप्त होता है. महासप्तमी पर पूजा-पंडालों से पट खुल गए हैं. इन पंडालों के खुलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी पटना में स्थापित कई पूजा पंडालों पर जाकर माता की पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने बिहार के लोगों के लिए समृद्धि की कामना की.
महासप्तमी पर्व के अवसर पर दुर्गा पूजा समिति, खाजपुरा तथा श्री श्री दुर्गा पूजा समिति, दुर्गा आश्रम शेखपुरा, पटना के पंडाल में माँ दुर्गा की पूजा अर्चना की तथा राज्य में सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। pic.twitter.com/vYGLYewePI
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 9, 2024
कई बड़े नेता मौजूद
दुर्गा पूजा के पंडालों में सीएम के साथ जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, विधायक संजीव चौरसिया, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और कुमार रवि, भी मौजूद रहें. जिले कि डीएम और एसएसपी के साथ-साथ कई श्रद्धालु भी मौजूद थे.
बिहार में पूजा की धूम
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के कात्यायनी के रूप में पूजा जाता है. बिहार में ये दिन काफी धूम-धाम से मनाया जाता है. मां कात्यायनी को शक्ति और साहस की देवी के रूप में पूजा जाता है. उनका यह रूप भक्तों को साहस और शक्ति प्रदान करता है. इस रूप में वो शेर पर सवार होती हैं. इस रूप में उनके हाथों में तलवार और कमल होती है. इससे वे बुराई का नाश करती हैं और भक्तों को अच्छाई का मार्ग दिखाती हैं. मान्यता है कि इस दिन मां कात्यायनी की पूजा करने से रोगों से मुक्ति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है.