Earthquake in Delhi-NCR: डोल रही धरती-कांप रहीं इमारतें, 2023 में 38 बार आया भूकंप, क्या साल जाते-जाते दे जाएगा बड़ा झटका?

Earthquake in Delhi-NCR: डोल रही धरती-कांप रहीं इमारतें, 2023 में 38 बार आया भूकंप, क्या साल जाते-जाते दे जाएगा बड़ा झटका?

दिल्ली-NCR में पिछले तीन दिन में दूसरी बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. बार-बार इन भूकंपों का आना किसी बड़े खतरे का संकेत माना जा रहा है. खास तौर से इस माह अब तक 6 दिन में देश भर में पांच बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. इनमें शुक्रवार दे रात आया भूकंप सबसे तीव्र था, जिसने नेपाल में तबाही मचाई थी.

भूकंप से एक बार फिर दिल्ली NCR की धरती डोल उठी. यह तीन दिन में लगातार दूसरी बार हुआ है. इससे पहले तीन नवंबर को दिल्ली से लेकर पटना तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता रेक्टर स्केल पर 6.4 मापी गई थी. सोमवार शाम को जो भूकंप आया उसकी तीव्रता तकरीबन रिक्टर स्केल पर 5.6 रही. दोनों ही भूकंपों का केंद्र नेपाल रहा. बेशक सोमवार को आए भूकंप की तीव्रता पिछले भूकंप से कम रही, लेकिन इसकी दहशत ज्यादा थी.

शुक्रवार देर रात नेपाल में आए भूकंप से कई मकान जमींदोज हो गए थे, इससे 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, इतने ही लोग तकरीबन गायब थे. ऐसे में जब सोमवार को भूकंप के झटके महसूस हुए तो लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए. काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा. दिल्ली NCR के लिए ये चिंता की बात इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि इस साल भूकंप की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. खास बात है कि इस साल भूकंप का पहला झटका दिल्ली NCR वालों को साल के पहले दिन ही महसूस हुआ था. तब से भूकंप के झटकों की तीव्रता में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सवाल तो ये भी उठ रहे हैं कि क्या बार-बार भूकंप के ये झटके किसी बड़ी तबाही का संकेत को नहीं दे रहे?

इस साल देश में 38 बार आ चुका है भूकंप

2023 साल में अब 38 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. इनके सर्वाधिक प्रभावित इलाका दिल्ली NCR ही रहा है, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक साल के पहले दिन ही दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके महसूस हुए थे, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8 रही थी. इस भूकंप का केंद्र हरियाणा का झज्जर था. यदि साल के सबसे तेज भूकंप की बात की जाए तो दो दिन पहले आया 6.4 तीव्रता का भूकंप सबसे तेज था, जिसने नेपाल में तबाही मचाई थी.

नवंबर के 6 दिन में 5 बार आया भूकंप

नवंबर माह के छह दिन बीते हैं, लेकिन इन छह दिनों के भीतर ही 5 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. इनकी शुरुआत हुई थी 1 नवंबर को जम्मू कश्मीर में आए भूकंप से. इस भूकंप की तीव्रता 3.2 रही थी. इसके बाद 3 नवंबर की रात को 6.4 तीव्रता वाला भूकंप आया, जिसने नेपाल में अच्छी खासी तबाही मचाई. सोमवार को एक बार फिर भूकंप आने से पहले देश में तीन बार और धरती डोल चुकी है, हालांकि इनकी तीव्रता कम होने की वजह से इसका अहसास नहीं हुआ. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक 5 नवंबर को दोपहर 1 बजकर सात मिनट पर अयोध्या में 3.6 मैग्नीट्यूड तीव्रता वाला भूकंप आया था. इसके अलावा कल शाम को 5 बजकर 42 मिनट पर मणिपुर में भी 3.1 मैग्नीट्यूड तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस हुए थे. इस सूची में अंडमान, टिमोर, बेलोनिया, दो बार अफगानिस्तान और दो बाद ताजिकिस्तान में आए भूकंप को शामिल नहीं किया गया है.

अक्टूबर में 5 बार डोली धरती

2 अक्टूबर को पूर्वोत्तर राज्यों में भूकंप के झटके महसूस हुए थे, रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता तकरीबन 5.2 थी. इस भूकंप का केंद्र नॉर्थ गारो हिल्स था, इस भूकंप के झटके बिहार तक महसूस हुए थे. इसके अगले ही दिन 3 अक्टूबर को Delhi NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटकेस महसूस हुए थे जिसकी तीव्रता 6.2 थी. 5 अक्टूबर को एक बार फिर Delhi NCR की धरती कांपी, यह भूकंप उत्तराखंड में आया था, जिसकी तीव्रता 3.2 रही. 15 अक्टूबर को एक बार फिर देश की राजधानी समेत आसपास के इलाकों में कंपन हुआ, इस भूकंप का केंद्र हरियाणा का फरीदाबाद था. 30 अक्टूबर को एक बार फिर धरती डोली, इस बार तीव्रता 3.1 रही थी. इस भूकंप का केंद्र हरियाणा का झज्जर था.

जुलाई से सितंबर तक इतने बार आया भूकंप

जुलाई माह में सबसे पहले 21 तारीख को भूकंप के झटके लगे, इसकी तीव्रता 3.4 थी जिसका केंद्र राजस्थान था. इसके ठीक बाद 29 जुलाई को 5.9 तीव्रता वाला भूकंप अंडमान सागर में आया. 5 अगस्त को दिल्ली-NCR तक झटके महसूस किए गए, इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान था. इसके बाद 14 अगस्त को मेघालय में 5.4 और बंगाल की खाड़ी में 4.4 तीव्रता वाला भूकंप आया. 12 सितंबर को एक बार फिर अंडमान में भूकंप की वजह से धरती डोली.

अप्रैल से जून तक ऐसा रहा हाल

अप्रैल से लेकर जून तक भी भूकंप बार-बार दस्तक देता रहा. 12 को बिहार से पश्चिम बंगाल तक रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता वाले झटके महसूस किए गए. इसके बाद असम के गुवाहाटी में, 30 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में 4.1, 28 मई को अफगानिस्तान के फैजाबाद में 5.2 तीव्रता वाला भूकंप आया. इसके बाद उत्तराखंड से लेकर पूर्वोत्तर तक 29 मई को धरती डोली. 5 जून को अंडमान निकोबार, इसके बाद 12 जून को जम्मू कश्मीर, 14 जून और फिर 17 जून को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में झटके लगे.

फरवरी में सबसे ज्यादा बार लगे झटके

साल के पहले दिन ही 3.8 तीव्रता वाले भूकंप ने दिल्ली-NCR वालों को झटका दिया, इसका केंद्र हरियाणा का झज्जर था. इसके बाद 6 जनवरी को अफगानिस्तान में 5.9 तीव्रता वाला भूकंप आया. 14 जनवरी को हिमाचल प्रदेश और ठीक दस दिन बाद 24 जनवरी को Delhi-NCR में भूकंप के झटके महसूस हुए. इसी साल 30 जनवरी को गुजरात के कच्छ में 3.2 तीव्रता वाला भूकंप आया था. इसके बाद 3 फरवरी को 3.2 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस हुए जिसका केंद्र कुरुक्षेत्र था. इसके अगले ही दिन गुजरात के अमेरली और इसके 24 घंटे बाद तेलंगाना के निजामाबाद में 3.1तीव्रता वाला भूकंप आया. 12 फरवरी को असम और 13 फरवरी को सिक्किम में भूकंप के झटके लगे थे. 28 फरवरी को मणिपुर में भूकंप आया था. इसके अलावा मार्च में 6.6 तीव्रता वाले भूकंप के झटके दिल्ली NCR में लगे थे, जिसका केंद्र अफगानिस्तान था. इसके बाद 21 मार्च को अरुणाचल प्रदेश में भूकंप आया था.