सरकार ने इन सेक्टर्स को दिया बड़ा तोहफा, जारी किए PLI स्कीम के 2874 करोड़ रुपए

सरकार ने इन सेक्टर्स को दिया बड़ा तोहफा, जारी किए PLI स्कीम के 2874 करोड़ रुपए

डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि सरकार ने मार्च तक प्रोडक्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के लाभार्थियों को 2,874.71 करोड़ रुपए जारी किए हैं.

सरकार ने अब तक पीएलआई योजना की सुविधा का उठाने वाले कारोबारियों को 2,874 करोड़ रुपए जारी कर दिए है. पीएलआई सुविधा का फायदा लेने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, फार्मा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे 8 क्षेत्रों की अधिकांश कंपनियों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि सरकार ने मार्च तक प्रोडक्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के लाभार्थियों को 2,874.71 करोड़ रुपए जारी किए हैं, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, फार्मा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे आठ क्षेत्रों की अधिकांश कंपनियां शामिल हैं.

डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) में अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने कहा कि ये आठ सेक्टर अच्छा कर रहे हैं, जबकि कुछ को अपनी गति बढ़ाने की जरूरत है. घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपए के आउटले के साथ 14 क्षेत्रों के लिए 2020 में इस योजना की घोषणा की गई थी.

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आठ क्षेत्र बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट, बल्क ड्रग्स, चिकित्सा उपकरण, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार और नेटवर्किंग प्रोडक्ट, खाद्य वस्तुएं, और ड्रोन, जिनमें से 2,800 करोड़ रुपए से अधिक पहले ही वितरित किए जा चुके हैं. अगले दो-तीन साल महत्वपूर्ण होंगे और इन सालों में चीजें तेज गति से आगे बढ़ेंगी. दिसंबर 2022 तक 2.74 लाख करोड़ रुपए के अनुमानित निवेश के साथ 14 क्षेत्रों में 717 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं.

53,500 करोड़ का निवेश हुआ प्राप्त

डीपीआईआईटी के मुताबिक, अब तक 53,500 करोड़ रुपए का वास्तविक निवेश प्राप्त हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का प्रोडक्शन/बिक्री हुई है और 3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है. इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अधिकतम 1,649 रुपए का वितरण किया गया. इसके बाद फार्मा (652 करोड़ रुपए), खाद्य उत्पाद (486 करोड़ रुपए), दूरसंचार (35 करोड़ रुपए), ड्रोन (30 करोड़ रुपए), चिकित्सा उपकरण (12.8 करोड़ रुपए), और इलेक्ट्रॉनिक्स (5.3 करोड़ रुपए) और थोक दवाएं (4.34 करोड़ रुपए) हैं.

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इन इंडस्ट्रीज से आ रही मांग

बता दें कि जिन अन्य क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का विस्तार किया गया है, उनमें व्हाइट गुड्स, स्पेशलिटी स्टील, उन्नत रसायन विज्ञान सेल, ऑटो घटक और वस्त्र शामिल हैं. योजना के तहत और सेक्टरों को शामिल करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर अफसरों ने कहा कि विभिन्न इंडस्ट्रीज से मांग आ रही है लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. अगले 2-3 वर्षों में चीजें उचित दर से आगे बढ़ेंगी.