हरियाणा में आयुष्मान कार्ड से नहीं मिलेगा इलाज! प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने की ये मांग
हरियाणा में प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने आयुष्मान योजना के तहत 5 जुलाई तक इलाज देना बंद कर दिया है. आईएमए की मांग है कि पिछले महीनों का आयुष्मान के तहत जो बकाया है उसका भुगतान किया जाए इसके बाद यह सुविधा फिर से शुरू की जाएगी.
हरियाणा में आय़ुष्मान कार्ड के तहत इलाज कराने वाले गरीब तबके के लोगों को अगले 5 दिनों तक यह सुविधा प्राइवेट हॉस्पिटल्स में नहीं मिलेगी. सभी प्राइवेट हॉस्पिटल ने पूरे प्रदेश में इस सुविधा के लिए 5 जुलाई तक बंद किया है. ऐसे में प्राइवेट हॉस्पिटल्स का कहना है कि उन्हें पिछले कुछ महीनों का भुगतान सरकार की ओर से नहीं किया है. अगर ऐसा जारी रहा तो वह इस सुविधा को अनिश्चितकाल तक बंद कर सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक केंद्र और हरियाणा सरकार लगातार गरीब तबके की जनता के लिए आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए तक के इलाज की सुविधा देती है. ऐसे में इस योजना का लाभार्थी प्राइवेट हॉस्पिटल से अपना इलाज करवाता है तो उसका भुगतान सरकार की ओर से किया जाता है. आज से हरियाणा में निजी अस्पतालों ने इस योजना के तहत इलाज करना बंद कर दिया है. प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने सरकार को 5 जुलाई तक का अल्टीमेट दिया है. उनकी मांग है कि अगर सरकार ने उनका बकाया भुगतान नहीं किया तो इस ओपीडी सेवा को अनिश्चितकाल तक भी बढ़ाया जा सकता है.
आयुष्मान कार्ड धारकों को निजी अस्पताल के साथ-साथ सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त करवाने के लिए सरकार प्रतिबंधित है, लेकिन आज से हरियाणा में निजी अस्पतालों ने इस योजना का बहिष्कार करने के फैसले ने आम आदमी की चिंताएं बढ़ा दीं हैं. सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल्स में इस योजना के तहत इलाज कराने वाले मरीजों का पिछले पांच महीने का भुगतान नहीं किया है. जिससे परेशान होकर निजी अस्पतालों ने यह कदम उठाया है. हालांकि अभी तक जिन लोगों का इलाज चल रहा है उनका इलाज करवाया जाएगा. हालांकि 5 जुलाई तक नई ओपीडी सेवा बिलकुल बंद कर दी गई है.
सोनीपत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन प्रधान डॉक्टर सुशील कुमार सरोहा ने बताया कि सरकार ने पिछले पांच महीने का भुगतान अभी तक नहीं किया है. इसलिए हमने फैसला किया है कि 5 जुलाई तक हम नई ओपीडी सेवा नहीं लेंगे. हालांकि जिनका इलाज आयुष्मान योजना के तहत चल रहा है उसका इलाज किया जाएगा. सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो हम आगे भी ये सुविधा बंद रख सकते हैं.
रिपोर्ट – नितिन अंतिल / सोनीपत