VIN नंबर बता देगा कितनी पुरानी है कार, यहां से कर सकते हैं चेक

VIN नंबर बता देगा कितनी पुरानी है कार, यहां से कर सकते हैं चेक

Vehicle Identification Number (VIN): कार के अलग हिस्सों पर VIN नंबर लिखा होता है. इस नंबर से आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि कोई कार कौन से साल में बनी है.

VIN यानी व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर से कार की मैन्यूफैरक्चरिंग डिटेल्स के बारे में पता चलता है. VIN नंबर को असाान भाषा में चेसिस नंबर भी कहा जाता है. कार के कई पार्ट्स पर आपको ये नंबर मिल जाएगा. जब भी कोई कार बनती है ऑटो कंपनियां उसमें VIN नंबर जरूर देती हैं. ये 17 डिजिट का नंबर होता है, जो कार को दूसरे मॉडल और वेरिएंट से अलग पहचान दिलाता है. इसके जरिए देख सकते हैं कि आपकी कार कितनी पुरानी है. आइए देखते है कि वीआईएन नंबर से कार का मैन्यूफैक्चरिंग ईयर कैसे पता चल जाता है.

VIN नंबर को चेसिस नंबर भी कहा जाता है. दरअसल, कार के चेसिस पर इसका व्हीकल आइडेंटिफिकेशन नंबर लिखा होता है, जिसकी वजह से लोग इसे चेसिस नंबर बोलते हैं. कार के अलग-अलग हिस्सों पर वीआईएन नंबर दर्ज होता है. इससे आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपकी कार कितनी पुरानी है.

कार में कहां दिखता है VIN

कार के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट पर चेसिस नंबर लिखा होता है. ये चेसिस नंबर VIN नंबर भी हो होता है. आरसी में आपको डिटेल दिख जाएगी की कार कब बनी है और कितनी पुरानी है. इसके अलावा कार के डैशबोर्ड, दरवाजे, बूट, पिछले पहिये, कार डीलशिप, इंश्योरेंस पॉलिसी फ्रंट ग्रिल आदि पर VIN नंबर मिल जाता है.

हालांकि, ये जरूरी नहीं है कि हर कार में इन जगहों पर VIN नंबर मिल जाए.

Vin Vehicle Identification Number Yt Cars 2 Explore

VIN- Vehicle Identification Number (Credit: YT- Cars 2 Explore)

VIN से ऐसे पता लगाएं कार की उम्र

VIN की हर 17 डिजिट आपकी कार के अहम आंकड़ों को दिखाती है.

Maruti Vin Codes 2

आइए देखते हैं कि VIN सेस इनमें से प्रत्येक VIN के बारे में जानकारी नीचे दी गई है:

  1. पहली डिजिट: कार की मैन्यूफैक्चरिंग कहां हुई इसकी डिटेल मिलती है.
  2. दूसरी और तीसरी डिजिट: कार मैन्यूफैक्चरर की डिटेल्स मिल जाती हैं.
  3. चौथी से आठवीं डिजिट: इसमें कार के ब्रांड, इंजन कैपेसिटी और फ्यूल टाइप जैसी जानकारी मिल जाती है.
  4. नौवीं डिजिट: कार कंपनी के द्वारा प्रदान किया गया सिक्योरिटी कोड मिलता है.
  5. दसवीं डिजिट: कार कौन से साल में बनी इसकी डिटेल मिल जाती है.
  6. ग्यारहवीं डिजिट: मॉडल के मैन्यूफैक्चिचिंग प्लांट की डिटेल बताती है.
  7. बाकी छह डिजिट: कार का यूनीक सीरियल नंबर होते हैं.

(डिस्क्लेमर: कृपया ध्यान दें कि सभी कार कंपनिया एक ही तरह से कार चेसिस नंबर डिकोड नहीं करती हैं. ऊपर बताए गए तरीके से ज्यादातर कंपनियों की कारों की डिटेल का पता चल जाता है.)