141 साल पहले जो ऑस्ट्रेलिया ने किया, भारत को करना होगा वही कमाल
ऑस्ट्रेलिया ने ही 141 साल पहले टेस्ट क्रिकेट में सबसे छोटे लक्ष्य के सफलतापूर्वक बचाव का रिकॉर्ड बनाया था और अब उसके खिलाफ ही ये रिकॉर्ड तोड़ने का मौका भारत के पास है.
खेलों में रिकॉर्ड की बहुत अहमियत होती है. इनकी खूब चर्चा होती. खास तौर पर जब कोई रिकॉर्ड टूटता है और उसकी जगह कोई नया लेता है, तो बातें जमकर होती हैं. कुछ रिकॉर्ड हालांकि, आसानी से नहीं टूटते और कई-कई साल तक बने रहते हैं. फिर भी उम्मीदें रहती हैं कि कभी न कभी तो वो रिकॉर्ड टूटेंगे. बरसों नहीं, बल्कि दशकों पुराना, करीब डेढ़ सदी पुराना ऐसा ही एक रिकॉर्ड है, जिसे तोड़ने की कोशिश शुक्रवार 3 मार्च को इंदौर के होल्कर स्टेडियम में टीम इंडिया को तोड़ना है, अगर उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा टेस्ट मैच जीतना है.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्ट मैचों में अपनी दमदार स्पिन गेंदबाजी के बूते ऑस्ट्रेलिया को मात देने वाली टीम इंडिया इंदौर में आकर खुद इस जाल में फंस गई. ऑस्ट्रेलिया के स्पिनरों ने दो दिन में भारत की दोनों पारियों में पूरे 20 विकेट गिराकर टीम इंडिया को पस्त कर दिया. अब मैच के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया के पास सीरीज में वापसी का मौका है क्योंकि उसे जीत के लिए सिर्फ 76 रनों की जरूरत है और ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक बैटिंग शुरू नहीं की है.
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टूटेगा 141 साल पुराना रिकॉर्ड?
अब इतने छोटे लक्ष्य का बचाव करना तो बेहद मुश्किल है और ऑस्ट्रेलिया की जीत को पक्का माना जा सकता है. हालांकि, जिस तरह से होल्कर स्टेडियम की पिच ने मैच के पहले घंटे से ही बर्ताव शुरू किया, उसे देखते हुए भारतीय स्पिन तिकड़ी के सामने ऑस्ट्रेलिया के लिए आसान नहीं होने वाला. इसके बावजूद पलड़ा ऑस्ट्रेलिया का ही भारी रहेगा और ऐसे में टीम इंडिया को जीत के लिए 141 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ना होगा.
संयोग से टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे छोटे स्कोर के सफल बचाव का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है, जिसने 1882 में लंदन के ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ 85 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव किया था.
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क्या टीम इंडिया कर सकेगी कमाल?
वैसे टीम इंडिया ने भी करीब 19 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छोटे स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया था. 2004 के मुंबई टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 107 रनों की जरूरत थी लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम 93 रन पर ढेर हो गई थी. हालांकि, इन सबकी तुलना में 76 रन का लक्ष्य और भी छोटा है और ऐसे में ऑस्ट्रेलिया जीत का बड़ा दावेदार है.
अगर पिछले 12-13 सालों की बात करें तो 2010 से ऑस्ट्रेलियाई टीम सिर्फ 6 बार किसी टेस्ट पारी में 100 से कम के स्कोर पर आउट हुई है. इसमें भी सिर्फ दो बार वह 75 से कम के स्कोर पर ढेर हुई है. पहले 2011 में साउथ अफ्रीका ने केपटाउन टेस्ट में उसे 47 रन पर निपटाया था, जबकि दूसरी बार 2015 में इंग्लैंड ने नॉटिंघम टेस्ट में 60 रन पर ढेर किया था.