3 ऑपरेशन और डिप्रेशन…सानिया के साथ ऐसा क्यों हुआ? टेनिस सनसनी की सनसनीखेज कहानी
Sania Mirza के करियर का अंत, WTA दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पहले दौर में मिली हार. जानिए इस दिग्गज खिलाड़ी की कमाल कहानी.
भारत की टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा के करियर का अंत हो चुका है. WTA दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पहले दौर में उन्हें हार मिली. सानिया मिर्जा भले ही अपना आखिरी मैच हार गई हों लेकिन इस खिलाड़ी का करियर एक बड़ी जीत से कम नहीं है. जिस देश में लड़कियों के लिए टेनिस में आगे बढ़ना बेहद मुश्किल था वहां सानिया ने सफलता के झंडे गाड़े. सानिया मिर्जा को अगर टेनिस की दुनिया की क्रांति कहा जाए तो गलत नहीं होगा. क्योंकि उन्हें ही देखकर देश की हजारों बेटियों ने टेनिस खिलाड़ी बनने का सपना बुनना शुरू किया. वैसे इस सफलता को हासिल करने के लिए सानिया ने कई दर्द झेले.
सानिया मिर्जा ना सिर्फ अपनी नाकामियों बल्कि वो समाज से भी लड़ीं. इसके अलावा चोट ने भी उन्हें परेशान किया जिसके चलते वो डिप्रेशन में भी चली गई. सानिया मिर्जा ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में बताया, ‘मैंने सबसे कमजोर तब महसूस किया जब 2008 के ओलिंपिक के दौरान मेरी कलाई में बेहद गंभीर चोट लगी थी. मैं कहूंगी कि शायद वह समय था जब मैं बहुत सारी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से गुजरी थी, जब मुझे डिप्रेशन हुआ था.’ उन्होंने कहा, ‘अपने करियर के चरम पर होने के कारण यह नहीं पता था कि क्या मैं फिर से खेल पाऊंगी या क्या मैं अपने बालों को फिर कंघी कर पाऊंगी. मैं कहूंगी कि उस समय मैं बेहद कमजोर महसूस कर रही थी.’
सानिया के करियर का स्वर्णिम दौर कब रहा?
सानिया ने बताया कि उनके करियर का मजबूत दौर 2014 के अंत से 2016 तक था. उन्होंने कहा, ‘मैं कहूंगी कि कई बार ऐसा हुआ जहां मैंने बहुत मजबूत महसूस किया लेकिन शायद सबसे मजबूत 2014 के अंत से 2016 के मध्य तक था. मेरे खेलने के जीवन के लगभग दो साल अविश्वसनीय थे.’
Six-time major champion