‘बंगाल अकेले ममता का नहीं…’ ममता बनर्जी पर क्यों भड़के केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार?

‘बंगाल अकेले ममता का नहीं…’ ममता बनर्जी पर क्यों भड़के केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार?

बीजेपी ने ममता पर घुसपैठ को सही ठहराने का आरोप लगाया है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा है कि एक ओर मुख्यमंत्री CAA के तहत हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने का विरोध करती हैं और दूसरी ओर वो बांग्लादेशियों का स्वागत कर रहीं हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शरण देने वाले बयान पर सियासी बवाल बढ़ता ही जा रहा है. रविवार को ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी शरणार्थियों को शरण देने की बात कही थी जिसके बाद से बीजेपी उन पर लगातार हमलावर है.

बीजेपी ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया है कि वो घुसपैठ को सही ठहरा रहीं हैं. बीजेपी ने ममता बनर्जी से पूछा है कि इस मामले में फैसला लेने का अधिकार उन्हें किसने दिया? क्योंकि शरणार्थियों पर फैसला लेने का अधिकार किसी राज्य को नहीं बल्कि केंद्र सरकार को है.

बंगाल अकेले ममता बनर्जी का नहीं- सुकांता

केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी नेता सुकांता मजूमदार ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल सिर्फ उनका नहीं है और उन्हें बांग्लादेशी शरणार्थियों को शरण देने के मामले में केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सिर्फ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नहीं है, यह एक संघीय ढांचे का हिस्सा है. लिहाजा राज्य सरकार को सबसे पहले इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए.

राजभवन ने मुख्यमंत्री से मांगी रिपोर्ट

इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी ममता बनर्जी की टिप्पणी को लेकर उनसे रिपोर्ट मांगी है. राजभवन के मीडिया प्रकोष्ठ ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर पोस्ट किया है कि, “विदेश से जुड़े मामलों को संभालना केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है. अगर किसी पड़ोसी देश का कोई व्यक्ति शरण चाहता है तो उस पर फैसला केंद्र सरकार करेगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह सार्वजनिक बयान संविधान का उल्लंघन करता है.” राजभवन की ओर से मुख्यमंत्री से कहा गया है कि वो अनुच्छेद 167 के तहत रिपोर्ट पेश करें जिसमें यह बताया जाए कि सीएम ममता ने बांग्लादेशियों को शरण देने वाला बयान किस आधार पर दिया है?

ममता के किस बयान पर बवाल?

दरअसल रविवार को सीएम बनर्जी ने कहा था कि उनकी सरकार पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच वहां से आए लोगों को शरण देने को तैयार है. कोलकाता में TMC की शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर आपके परिवार के सदस्य या रिश्तेदार काम या पढ़ाई के लिए बांग्लादेश में हैं, तो चिंता न करें. उन्होंने कहा कि अगर कोई असहाय व्यक्ति बंगाल के दरवाजे पर दस्तक देता है, तो हम उसे आश्रय देंगे क्योंकि UN के प्रस्ताव में पड़ोसी क्षेत्रों को मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करने की अनुमति दी गई है.

ममता बनर्जी ने कहा था कि, “मैं बांग्लादेश के मुद्दे पर टिप्पणी नहीं कर सकती, क्योंकि यह एक अलग देश है. जो कुछ भी कहने की जरूरत है, वह भारत सरकार कहेगी. उन्होंने कहा था कि ये ऐसे मामले हैं जिन्हें भारत सरकार संभालती है.

ममता बनर्जी पर बीजेपी का बड़ा आरोप

ममता बनर्जी के इस बयान को लेकर बीजेपी लगातार उनपर हमलावर है. बीजेपी ने ममता पर घुसपैठ को सही ठहराने का आरोप लगाया है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि ममता CAA के तहत हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने का विरोध करती हैं और दूसरी ओर वो बांग्लादेशियों का स्वागत कर रहीं हैं. अमित मालवीय ने सीएम ममता से सवाल किया कि भारत में किसी का स्वागत का अधिकार उन्हें किसने दिया?

बांग्लादेश में क्यों बिगड़ा है माहौल?

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन प्रदर्शनों में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं सैकड़ों लोग घायल हैं. हालांकि बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए 1971 में हुए युद्ध के स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों का आरक्षण 30 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है, और 2 फीसदी आरक्षण जातीय अल्पसंख्यकों, ट्रांसजेंडर्स और विकलांगों के लिए तय किया है. वहीं 93 फीसदी भर्ती मेरिट के आधार पर करने का आदेश दिया है.