बीजेपी में शामिल होने की मची होड़, लेकिन इस सांसद ने छोड़ दी पार्टी
बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद हेम्ब्रम ने कहा कि वो आगे अब राजनीति में नहीं रहना चाहते. न ही वो किसी और पार्टी को ज्वाइन करने जा रहे हैं और न ही किसी पार्टी के संपर्क में हैं. हेम्ब्रम ने ये भी कहा कि ये इस्तीफा देने का सही समय है क्यों कि लोकसभा चुनाव में किसी दूसरे को मौका मिल जाएगा.
एक तरफ बीजेपी में दूसरे दलों के नेताओं के शामिल होने का सिलसिला चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में बीजेपी को झटका लगा है. आगामी लोकसभा चुनाव के बीच पार्टी सांसद कुनार हेम्ब्रम ने शनिवार को लोकसभा की सदस्यता और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. कुनार हेम्ब्रम पश्चिम बंगाल के झारग्राम से बीजेपी के सांसद थे.
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कुनार हेम्ब्रम ने बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने निजी कारणों से पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. हेम्ब्रम ने कहा कि पार्टी छोड़ने के लिए ये सही वक्त है क्यों कि लोकसभा चुनाव में किसी दूसरे को मौका मिल जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस्तीफ स्वीकार हुआ या नहीं उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया है.
‘मैं अब राजनीति में नहीं रहना चाहता’
ये पूछे जाने पर कि क्या वो किसी और पार्टी को ज्वाइन करेंगे. जवाब में हेम्ब्रम ने कहा कि वो आगे अब राजनीति में नहीं रहना चाहते. न ही वो किसी और पार्टी को ज्वाइन करने जा रहे हैं न ही किसी पार्टी के संपर्क में हैं. वहीं बीजेपी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने बताया कि हेम्ब्रम ने कुछ दिन पहले ही पार्टी छोड़ने के अपने फैसले के बारे में जानकारी दे दी थी.
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‘हार के डर से हेम्ब्रम ने दिया इस्तीफा ‘
कुनार हेम्ब्रम के बीजेपी से इस्तीफा देने पर सूबे की ममता सरकार ने उन पर निशाना साधा है. टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि पराजय को भांपते हुए हेम्ब्रम ने इस्तीफा दिया है. सांसद ने कहा कि हेम्ब्रम को पता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी सीट हारने वाली है. यही वजह है कि उन्होंने चुनाव से पहले ही पद और पार्टी छोड़ने का फैसला किया.
आपको बता दें कि इससे पहले टीएमसी के दिग्गज नेता ने तापस रॉय ने टीएमसी से इस्तीफा दिया था. जिसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. सेन का जाना ममता सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. वहीं अब बीजेपी सासंद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
गौरतलब है कि आगामी लोकसभा के मद्देनजर बीजेपी पश्चिम बंगाल पर काफी ज्यादा फोकस कर रही है. संदेशखाली के मुद्दे पर बीजेपी सूबे की सरकार पर लगातार हमलावर है और इस मुद्दे को भुनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है. बीजेपी किसी भी तरह राज्य में 2019 से बेहतर प्रदर्शन करना चाहती है. 2019 में बीजेपी ने 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में पार्टी इस बार अपनी सीटें बढ़ाने की पुरजोर कोशिश कर रही है.