कमाल हो गया! आपके डर, खुशी, उदासी और हैरानी का पता लगाएगी ये डिवाइस

कमाल हो गया! आपके डर, खुशी, उदासी और हैरानी का पता लगाएगी ये डिवाइस

डॉक्टर्स का मानना है कि इस टूल की मदद से ऑटिज्म, स्किजोफ्रेनिया और डिप्रेशन के मरीजों का इलाज करने में और ज्यादा आसानी होगी. ये टूल को शॉर्ट फॉर्म में AFTER कहा जाता है.

Emotion Mapping Device: हिंदी से लेकर अंग्रेजी समेत तमाम ऐसी भाषाएं हैं, जिनमें इमोशन्स को लेकर कहानियां और कविताएं लिखी गई हैं. असल में इमोशन्स हमारी जिंदगी का वो पहिया है, जिसके बिना जीवन जीने की कल्पना नहीं की जा सकती है. अपनी भावनाओं यानी इमोशन्स को दूसरों के सामने बयां करने के लिए हम लिख या बोल सकते हैं लेकिन एम्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स एक ऐसा टूल लेकर आए हैं, जो इंसान के इमोशन्स को डिटेक्ट करेगा. दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने AIIMS Facial Toolbox for Emotions Recognition को बनाया है.

डॉक्टर्स का मानना है कि इस टूल की मदद से ऑटिज्म, स्किजोफ्रेनिया और डिप्रेशन के मरीजों का इलाज करने में और ज्यादा आसानी होगी. ये टूल को शॉर्ट फॉर्म में AFTER कहा जाता है.

लोगों के इमोशन्स को जानेगी डिवाइस

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस टूल की मदद से न्यूरोसाइकेट्रिक कंडीशन्स में लोगों के इमोशन्स के बारे में जानने में मदद मिलेगी. लोगों को इस डिवाइस के ह्यूमन एक्सप्रेशन रेंज की तरफ देखना होगा और बताना होगा कि वह क्या महसूस कर रहे हैं. जिसके बाद लोगों के जवाबों को इस डिवाइस के अंदर लगे रेटिंग सिस्टम से मापा जाएगा. इस टूल की क्लीनिकल युटिलिटी यही है कि न्यूरोसाइकेट्रिक कंडीशन्स से लोगों से Emotion Recognition Capability का पता लगाया जा सकता है.

डॉक्टर्स और मरीजों दोनों के लिए फायदेमंद

एम्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स की माने तो ये टूल मरीजों के साथ-साथ डॉक्टरों के लिए भी फायदेमंद है. कंप्यूटराइज्ड होने के चलते इस टूल की मदद से दिमाग में होने वाले Emotion Recognition टास्क के बारे में पता चलेगा. बता दें कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के 15 लोगों पर इससे जुड़ी स्टडी की गई. इन लोगों हाई और लो इंटेनसिटी समेत अलग-अलग इमोशन्स शो करने के लिए कहा गया था. स्टडी के दौरान लाइट बैकग्राउंड में 240 फोटोज खींची गई.

इस स्टडी के दौरान लोगों ने न्यूट्रल, हैप्पीनेस, उदासी, गुस्सा, बुरा महसूस, डर और हैरानी समेत 7 तरह के इमोशन्स दिखाए. जिसमें हर फोटोज 19 मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स और 2 ड्रामेटिक आर्ट के टीचर्स ने जांचा. हर एक इमोशन को Intensity, Clarity और Genuineness के आधार पर 5 रेटिंग्स में से नंबर दिए गए.