राउज एवेन्यू कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई, वकील ने क्या कुछ कहा

राउज एवेन्यू कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई, वकील ने क्या कुछ कहा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से वकील जोहेब हुसैन पेश हुए. कोर्ट को बताया गया कि मनीष सिसोदिया की ओर से सीनियर एडवोकेट मोहित माथुर पहले ही ईडी मामले में दलीलें दे चुके हैं. वकील हुसैन ने कहा कि ऐसा नहीं है कि PMLA की धारा 45 की कठोरता खत्म कर दी गई है.

दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज कावेरी बावेजा की कोर्ट में ये सुनवाई हुई. बता दें, दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया को साल 2023 में 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से वकील जोहेब हुसैन पेश हुए. कोर्ट को बताया गया कि मनीष सिसोदिया की ओर से सीनियर एडवोकेट मोहित माथुर पहले ही ईडी मामले में दलीलें दे चुके हैं. ईडी की ओर से हुसैन ने दलील दी कि उनके तर्क का मुख्य जोर मुकदमे में देरी पर था. उन्होंने गुण-दोषों को ज्यादा नहीं छुआ और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दलीलें दी हैं.

ईडी के वकील ने क्या कहा

वकील हुसैन ने कहा कि मैं अभी गुण-दोष के आधार पर बात नहीं कर रहा हूं, मैं फैसला पढ़ते समय खुद को केवल देरी के पहलू और इसका अर्थ कैसे समझा जाना चाहिए, तक ही सीमित रखूंगा. वकील हुसैन ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ा. जोहेब हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पढ़ते हुए कहा कि पिछले 3 महीनों में मुकदमा कछुआ गति से आगे बढ़ा है या नहीं, इसका फैसला अदालत को करना है. हुसैन ने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि केवल इस आधार पर जमानत आवेदन की अनुमति दी जानी चाहिए कि मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है.

वकील ने कहा देरी नहीं की गई

हुसैन ने कहा कि तथ्य यह है कि अभियोजन पक्ष द्वारा मुकदमे में किसी भी तरह से देरी नहीं की गई है, यह नहीं कहा जा सकता है कि यह कछुआ गति से आगे बढ़ रहा है. कोर्ट पहले ही एक सह आरोपी की जमानत अर्जी और उसकी जमानत पर विचार कर चुके हैं. यह एक महत्वपूर्ण बात है कि समीर महेंद्रू के मामले में पहले के जज द्वारा इसी तरह के तर्क को खारिज कर दिया था. ईडी की ओर से पेश वकील हुसैन ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कारक होगा कि अगर कोई देरी हुई है, तो यह आरोप व्यक्तियों के कहने पर है, न कि अभियोजन पक्ष के कारण. हुसैन ने कहा कि ऐसा नहीं है कि PMLA की धारा 45 की कठोरता खत्म कर दी गई है.