कहानी देव आनंद की ‘नेशनल पार्टी ऑफ इंडिया’ की, जानें इसमें क्या था जेपी का रोल
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भारतीय फिल्म इतिहास में देव आनंद की एक अलग पहचान है. देव आनंद की पूरी दुनिया दिवानी थी. वह देव आनंद बिहार और बिहार की एक हस्ती यानि जेपी के बहुत दिवाने थे. इसी बिहार से देवानंद को ऐसी शिक्षा मिली कि उन्होंने पूरे देश के लिए एक अहम कदम उठा लिया था. उस समय के राजनीतिक हालातों को देखते हुए राजनीतिक दल का गठन कर लिया. ऐसे में इस खबर में उनकी पार्टी की पूरी कहनी को जानेंगे, साथ ही ये भी समझेंगे कि इसमें जेपी का रोल कितना अहम था.
भारतीय फिल्म इतिहास में देव आनंद का एक अलग स्थान है. चिर युवा के नाम से प्रसिद्ध हिंदी सिनेमा के सबसे महान और सदाबहार अभिनेता देव आनंद के फैन और कद्रदान हर वर्ग, हर धर्म, हर उम्र में मिल जाएंगे. फिल्मों के साथ ही सामाजिक मुद्दों पर भी देव आनंद जब तक जीवित रहे, आवाज उठाते रहे. जिस देव आनंद की पूरी दुनिया दिवानी थी, वह देव आनंद बिहार और बिहार के इस हस्ती के दिवाने थे. इस बिहार से देवानंद को ऐसी शिक्षा मिली कि उन्होंने पूरे देश के लिए एक अहम कदम उठा लिया था.
दरअसल, साल 1970 के दशक में भारतीय फिल्म इतिहास में एक यादगार फिल्म बनी थी, जिसका नाम था जॉनी मेरा नाम. इस फिल्म में देव आनंद के साथ हेमा मालिनी भी थी. इस फिल्म का सुपरहिट गाना था, ओ मेरे राजा, वादा तो निभाया. इस गाने की शूटिंग बिहार के विश्वप्रसिद्ध नालंदा के प्राचीन विश्वविद्यालय के अवशेष, राजगीर के विश्व शांति स्तूप जाने वाले रोप-वे और नालंदा रेलवे स्टेशन पर हुई थी. बिहार में इस फिल्म की शूटिंग दस दिनों तक चली थी.
एक मुलाकात के बाद उठाया यह कदम
बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्मी दुनिया की अजीम शख्सियत के रूप में शुमार होने वाले देव आनंद ने देश के राजनीतिक हालात को देखते हुए राजनीतिक दल का गठन भी किया था. उन्होंने नेशनल पार्टी ऑफ इंडिया नाम से एक राजनीतिक दल का गठन भी किया था. इस पार्टी का गठन उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरोध में किया था. वह प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा लगाई गयी इमरजेंसी के खिलाफ थे.
कई शख्सियतें हुई थी शामिल
साल 1977 में जब देश से इमरजेंसी खत्म हुई तब चुनाव होने थे. तब देव आनंद ने अपनी पार्टी का गठन किया. इसके अध्यक्ष वह खुद बने थे. मुंबई में चार सितंबर 1979 को होटल ताज में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के इसकी जानकारी दी गयी. देव आनंद की इस पार्टी में उनके भाई विजय आनंद, प्रसिद्ध निर्माता निर्देशक व्ही. शांताराम, जीपी सिप्पी, श्रीराम वोहरा, आइएएस जौहर, आत्माराम, रामानंद सागर, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी जैसी हस्तियां प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ते चले गए. इन सभी ने एक स्वर में देवानंद को पार्टी का अध्यक्ष चुना. इस पार्टी की प्राइमरी मेंबरशीप फॉर्म पर दिया गया पता, शांति श्री, डॉक्टर एसएस राव रोड, परेल, मुंबई था.
बिहार में इस महान हस्ती से मिली प्रेरणा
अब कौतूहल की बात यह है कि पॉलिटिकल पार्टी बनाने की प्रेरणा देव आनंद को कहां और कैसे मिली? देव आनंद ने कब और कैसे इसके बारे में सोचा. दरअसल जॉनी मेरा नाम फिल्म की शूटिंग करने के लिए जब देव आनंद बिहार आए थे, उस दौरान लोकनायक जयप्रकाश नारायण यानि जेपी पूरे भारत में अपनी क्रांतिकारी भूमिका और सोच को लेकर के प्रसिद्ध हो चुके थे.
बताया जाता है कि देव आनंद जेपी की सोच से बहुत प्रभावित थे. देव आनंद ने अपनी फिल्म की शूटिंग में से वक्त निकाल कर लोकनायक जयप्रकाश से मुलाकात की थी. इन दोनों के बीच बहुत देर तक बातचीत हुई थी. देवानंद राजनीतिक रूप से बहुत सजग थे और समाजवादी विचारों के समर्थक भी थे. जेपी के साथ बस इस एक मुलाकात ने देव आनंद को राजनीतिक सफर पर चलने के लिए प्रेरित किया और इसके बाद देव आनंद ने नेशनल पार्टी ऑफ इंडिया के नाम से पार्टी का गठन कर दिया.
खत्म हो गई थी पार्टी
फिल्मी दुनिया के तमाम बड़े शख्सियतों के देव आनंद की इस पार्टी में शामिल होने के बाद बड़ी संख्या में लोग इसे जुड़ने भी लगे थे. पार्टी की रैलियों में खूब भीड़ भी होती थी. इससे देश की कई अन्य पार्टियों को परेशानी भी पैदा हो गई. बताया जाता है कि कुछ बड़ी फिल्मी हस्तियों को तब के कांग्रेस के नेताओं ने नसीहत दी कि चुनाव के बाद मुश्किल से फिल्म उद्योग को बचाना है तो इस पार्टी को बंद कर दें. इसके बाद देवानंद की इस पार्टी में जितने भी सक्रिय कलाकार थे, वह सब धीरे-धीरे किनारा करते चले गए. इसके बाद देव आनंद ने खुद को लगभग अकेला पाते हुए इस पार्टी को बंद कर दिया.
शत्रुघ्न सिन्हा भी हुए थे शामिल
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त प्रख्यात फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम कहते हैं, कहा तो यह भी जाता है कि तब फिल्मी दुनिया में बिहारी बाबू के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा भी देव आनंद के विचारों से काफी प्रभावित थे और उन्होंने भी देवानंद की इस पार्टी को ज्वाइन किया था. हालांकि वह इस पार्टी में कितने दिन तक रहे? इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है.