हिमाचल में बर्फबारी, चट्टानें खिसकीं, किन्नौर में फंसे कई मजदूर, भारी बारिश का अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, किन्नौर, मंडी, सिरमौर, सोलन और शिमला जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है. इसने बागानों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की आशंका के बारे में भी आगाह किया है.
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बर्फबारी और चट्टानों के खिसकने के कारण गुरुवार को लाल ढाक के पास भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) टावर स्थापित करने और सेना की चौकी के निर्माण में जुटे 24 से अधिक मजदूर फंस गए. नागदूम और धारणीथल में बीएसएनएल टावर लगाने का काम किया जा रहा था, जबकि नागदूम में सेना की चौकी का निर्माण किया जा रहा था.
इलाके में भारी बर्फबारी शुरू होने और ठंड बढ़ने के कारण मजदूर वापस लौट रहे थे. हालांकि, चितकुल से करीब 25 किलोमीटर दूर दुमती में एक बड़ी चट्टान के खिसकने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया जिससे वे फंस गए.
बाढ़ के खतरे की चेतावनी
जिला प्रशासन ने बताया कि मजदूरों के फंसे होने की सूचना मिलने के बाद सरकारी तंत्र मौके पर भेजा गया है और बर्फबारी रुकने के बाद सड़क खोल दी जाएगी. इस बीच, मौसम विभाग ने गुरुवार को शिमला, किन्नौर और सिरमौर जिलों के कुछ हिस्सों में शुक्रवार (आज) तक अचानक बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है. इसके साथ ही शुक्रवार यानी आज भी राज्य के 12 में से पांच जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, आंधी और आकाशीय बिजली चमकने का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है.
भारी बारिश का अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, किन्नौर, मंडी, सिरमौर, सोलन और शिमला जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है. इसने बागानों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की आशंका के बारे में भी आगाह किया है.
राज्य के कुछ हिस्सों में गुरुवार को हल्की बारिश जारी रही. इस दौरान बुधवार शाम से सिरमौर जिले के धौलाकुआं में सबसे अधिक 26 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, इसके बाद जोत में 7.6 मिमी, काहू में 6.8 मिमी, चौपाल में 6.2 मिमी, मनाली, डलहौजी और वांगटू में पांच-पांच मिमी बारिश हुई.
राज्य में 37 सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) की नवीनतम जानकारी के अनुसार, बुधवार तक राज्य में कुल 37 सड़कें बंद हैं और 106 बिजली योजनाएं बाधित हैं. हिमाचल प्रदेश में 27 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से अब तक बारिश की मात्रा सामान्य से 21 प्रतिशत कम है और राज्य में औसत 678.4 मिमी के मुकाबले 539.1 मिमी वर्षा हुई है. अधिकारियों के अनुसार, 27 जून से सात सितंबर तक मॉनसून के दौरान वर्षाजनित घटनाओं में कुल 158 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30 लोग अब भी लापता हैं. राज्य को 1,305 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.