हाई BP, कमजोर दिल और खुद मल्टीटास्कर… बैंक कर्मचारी सदफ की मौत का असली कारण क्या?
लखनऊ में HDFC बैंक की 45 साल की महिला अधिकारी सदफ फातिमा वर्क लोड का शिकार हो गईं. पुराने लखनऊ के वजीरगंज में सदफ अपने परिजनों के साथ रहती थीं. सदफ ने शादी नहीं की थी. उनके परिवार में उनकी मां कनिस फातिमा, बहन साबिया और बहनोई मजहर हैं जबकि पिता का निधन हो गया था. सदफ की मौत ने महिलाओं में होने वाले हार्ट अटैक पर एक नई बहस छेड़ दी है.
उत्तर प्रदेश का राजधानी लखनऊ में प्राइवेट बैंक की महिला कर्मचारी सदफ की अचानक हुई मौत ने महिलाओं की हेक्टिक दिनचर्या और उनके कंधों पर मल्टीटास्कर होने के भारी भरकम बोझ को लेकर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है. महिलाओं को मल्टीटास्कर माना जाता है. इस शब्द का मतलब है ऐसे लोग जो एक साथ कई सारे काम कर सकने में निपुण माने जाते हैं. महिलाओं को हम इसी रूप में देखते हैं कि वो चाहें ऑफिस में किसी भी पोस्ट पर काम करतीं हों, घर का पूरा ध्यान रखना उनकी जिम्मेदारी हैं. महिलाएं इन कामों को बखूबी निभाती भी हैं, लेकिन कई बार वो अपनी खुद की सेहत का ध्यान रखना भूल जाती हैं. कमर दर्द हो या फिर सर का दर्द… महिलाएं एक गोली खाकर घर का हर काम करती रहती हैं. एक्सिस वर्क लोड लेकर काम करना और फिर बीपी-डायबिटीज से ग्रसित होना… आज के दौर में वर्किंग वुमन्स की पहचान बनता जा रहा है.
लखनऊ में HDFC बैंक की 45 साल की महिला अधिकारी सदफ फातिमा भी इसी वर्क लोड का शिकार हो गईं. पुराने लखनऊ के वजीरगंज में सदफ अपने परिजनों के साथ रहती थीं. सदफ ने शादी नहीं की थी. उनके परिवार में उनकी मां कनिस फातिमा, बहन साबिया और बहनोई मजहर हैं जबकि पिता का निधन हो गया था. सदफ का कोई भाई नही हैं. ना भाई का सहारा और ना पिता का सिर पर हाथ… इन दोनों चीजों ने सदफ को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए मजबूर कर दिया था. वो अपनी शर्तों पर जिंदगी जीती थीं.
HDFC बैंक में काम करती थीं सदफ
सदफ विभूतिखंड के HDFC बैंक में टेलीफोनिक चैनल वी आर नाउ में असिटेंट वाइस प्रसीडेंट थीं. उनकी तैनाती इससे पहले पुणे में थी. 6 साल पहले लखनऊ तबादला हो गया था जिससे वो खुश थीं. परिवार का साथ और एक अच्छा जॉब… इंसान की जिंदगी में ये दो चीजें संतोष करने के लिए काफी होती भी हैं. वो हर दिन अपने ऑफिस में जाती थीं और पूरी लगन और महनत से अपना काम करती थीं. रोज की तरह ही मंगलवार सुबह भी थी, जब वह ऑफिस में पहुंचीं और तीसरी मंजिल पर स्थित अपने चैम्बर में चली गईं.
अचानक फर्श पर गिर पड़ीं…और
सदफ दोपहर में ऑफिस कर्मचारियों के साथ लंच करने कैफेटेरिया गई थीं. ऑफिस के साथियों की मानें तो सदफ ने खाना खाने से पहले अपनी पर्स से 1 टेबलेट निकाल कर खाई थी. थोड़ी ही देर में वो अचानक जमीन पर गिर पड़ीं. सदफ को इस तरह से जमीन पर गिरा देख उनके साथ काम करने वाले कर्मचारी सहम गए. उन्होंने सदफ को उठाया और उन्हें अस्पताल लेकर भागे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने सदफ को मृत घोषित कर दिया. ये सुनते ही हर कोई चौंक गया.
कुछ देर पहले जो महिला उनके साथ बैठकर खाना खा रही थीं और बातें कर रही थीं, अचानक अब उस महिला के शरीर में जान नहीं बची. सदफ के परिवार को भी इस बारे में जानकारी दी गई, तो उनका परिवार भी भागता-भागता पहुंचा. परिवार को भी इस बात का भरोसा नहीं हो रहा कि आखिर कैसे सदफ इस तरह से दुनिया को छोड़कर चलीं गईं.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
उनके बहनोई मजहर ने उनकी मौत की वजह ब्लड प्रेशर को बताया है. मजहर का कहना है कि सदफ पिछले काफी समय से ब्लड प्रेशर की बीमारी का शिकार थीं. वो तीन दिन से बीमार चल रही थीं. मंगलवार सुबह वो तीन दिनों के बाद ऑफिस गई थीं जहां उनकी मौत हो गई. सदफ को इससे पहले भी एक बार हार्टअटैक आ चुका था. सदफ का दिल पहले से कमजोर था फिर भी उन्होंने इस बात को नजरअंदाज किया. उन्होंने भी हर महिला की तरह खुद को काम में झोंक लिया और सेहत का ख्याल जिम्मेदारियों की फहरिस्त में सबसे आखिरी नंबर पर रख लिया. फातिमा के ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि यहां काम को लेकर काफी प्रेशर था. इसके चलते सदफ अक्सर काफी तनाव में रहतीं थीं. हालांकि मामले को लेकर किसी ने भी कोई ऑफिशियल बयान नहीं दिया, लेकिन इस बात से ये साफ है कि सदफ पर काम का काफी तनाव था, जिससे वो अक्सर परेशान रहती थीं.
इसी परेशानी ने उनकी तबियत इतनी खराब कर दी कि आखिर में उनकी मौत ही हो गई. सदफ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है जिसके बाद ही सारी बात खुलकर सामने आ पाएगी. फिलहाल इसी बात का शक है कि उन्हें हार्ट अटैक आया है.
मल्टीटास्कर होने की भारी जिम्मेदारी
सदफ की मौत ने महिलाओं में होने वाले हार्ट अटैक पर एक नई बहस छेड़ दी है. ये एक साइंटिफिक फैक्ट है कि महिलाओं में हार्ट अटैक के खास सिम्पटम्स दिखाई नहीं देते. महिलाओं में दिल का दौरा होने का सबसे आम लक्षण सीने में दर्द, दबाव, या बेचैनी होता है. हालांकि, यह हमेशा गंभीर नहीं होता और सीने में दर्द के बिना भी दिल का दौरा पड़ सकता है जो एक और चिंता की बात है ऐसे में उनके ऊपर पड़ने वाला वर्क लोड कम करने की जिम्मेदारी हर किसी को समझनी चाहिए. अभी भी कई ऐसी औरतें हैं जो अपनी सेहत का उस तरीके से ध्यान नहीं रखतीं जैसे रखना चाहिए और दिन भर का सारा वक्त या तो घर के कामों या फिर ऑफिस और घर के बीच चीजों को मैनेज करने में बिता देती हैं.
महिलाओं को अब ये बात समझनी पड़ेगी कि उनकी सेहत की जिम्मेदारी भी उनकी है, जितना घर या फिर ऑफिस का काम जरूरी है उतना ही अपना ध्यान रखना भी. साथ ही पुरुषों को भी इस बात को समझना होगा कि एक औरत के साथ मल्टीटास्कर होने का टैग जुड़ा है इसलिए कई बार वो अपनी सेहत को दूसरे पायदान पर रखती हैं ऐसे में उनके काम में हाथ बटाने की जिम्मेदारी आपकी भी है, ताकी वो भी खुद पर ध्यान दे पाएं.