अंग्रेजों के पुल को टाटा बाय बाय, प्रयागराज में 160 साल पुराने यमुना ब्रिज की जगह लेगा नया पुल; रेलवे ने दी मंजूरी

प्रयागराज में 160 साल पुराने रेलवे पुल के स्थान पर यमुना नदी पर नए पुल के निर्माण को रेलवे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. यह आधुनिक तकनीक से निर्मित दो लेन का पुल होगा, जिसकी अनुमानित लंबाई 150 मीटर है. साल 2031 तक इसके निर्माण का लक्ष्य रखा गया है.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रेलवे बोर्ड ने यमुना पर नए पुल बनाने को मंजूरी दे दी है, यह पुल 160 साल पुराने यमुना ब्रिज की जगह लेगा. इसके लिए बोर्ड ने बजट की भी स्वीकृत कर दिया है. इस पुल की अनुमानित लंबाई 150 मीटर तक होने वाली है. इस पुल के निर्माण कार्य के पूरा होने का लक्ष्य साल 2031 तक रखा गया है. रेलवे की योजना है कि अगले कुंभ से पहले इसका काम पूरा कर लिया जाएगा और इस पर ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो जाए.
प्रयागराज में 160 साल पुराने रेलवे पुल की जगह यमुना पर नए पुल को बनाने के प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिल गई है. प्रयागराज मंडल ने रेलवे बोर्ड के सामने इस प्रस्ताव को रखा था. प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही रेलवे की एक टीम नए पुल के निर्माण के लिए सर्वे का काम भी शुरू कर दिया है. अब जल्द ही इसके निर्माण के लिए टेंडर निकाला जाएगा. जिसके बाद तेजी से पुल का काम शुरू हो जाएगा.
कहां से होगा शुरू?
रेलवे के इस नए पुल की शुरुआत जीवन ज्योति अस्पताल के पास से होगी, जो ईसीसी के बगल से होकर यमुना के उस पार शुआट्स तक जाएगा. नया पुल दो लेन का होगा, जिसे अत्याधुनिक तकनीक से बनाया जाएगा. पुल की अनुमानित लंबाई 150 मीटर होगी, जिसके लिए सर्वे का काम भी शुरू हो गया है. सर्वे रिपोर्ट में कई तरह की जानकारियां जुटाई जा रही है. जैसे कि आखिर पुल की लंबाई क्या होगी, इसके निर्माण में कितना खर्च आएगा और पुल का स्टार्टिंग और एंडिंग पॉइंट क्या होगा.
निर्माण का लक्ष्य 2031 तक का रखा गया
इसी के साथ ही जमीन अधिग्रहण जैसे बिंदुओं पर सर्वे रिपोर्ट बनाई जा रही है.फाइनल सर्वे के बाद भी इसमें बदलाव संभव है. नए पुल को 2031 से पहले तक तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है. पुल का निर्माण स्फेरिकल बेयरिंग तकनीक पर आधारित होगा, जिससे कि यह भूकंप, विस्फोट और चक्रवात जैसे आपदाओं में भी मजबूती से टिका रहे.