Mumbai South Lok Sabha Seat: मुंबई दक्षिण सीट रही कांग्रेस का गढ़, अब बदल गए राजनैतिक समीकरण; कौन बनेगा विजेता?

Mumbai South Lok Sabha Seat: मुंबई दक्षिण सीट रही कांग्रेस का गढ़, अब बदल गए राजनैतिक समीकरण; कौन बनेगा विजेता?

मुंबई दक्षिण लोकसभा सीट पर मुकाबला रोचक रहेगा . वर्तमान में इस सीट पर शिवसेना का कब्जा है. यह पार्टी अब दो हिस्सों में बंट चुकी है. वहीं, यहां से 2 बार कांग्रेस से सांसद रहे मिलिंद देवड़ा पार्टी का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना में शामिल हो गए हैं. इस सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. पार्टी ने यहां से 10 बार जीत दर्ज की है.

मुंबई दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र मुंबई शहर जिले के अधिकतर हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है. इसमें वर्ली, मुंबादेवी, कोलाबा, बायकुला, शिवडी, मालाबार हिल विधानसभाएं आती हैं. इसी लोकसभा इलाके में भारत का प्रवेश द्वार कहलाया जाने वाला गेट-वे ऑफ इंडिया है. यह एक स्मारक है और यह दिसंबर 1911 में ब्रिटिश सम्राट राजा-सम्राट जॉर्ज पंचम और महारानी मैरी के प्रथम आगमन की याद में बनाया गया था. हालांकि, यह उस वक्त तैयार नहीं किया गया था. इसकी आधारशिला मार्च 1913 में रखी गई थी. भारतीय-इस्लामी वास्तुकला शैली में बने इस स्मारक को 1924 में तैयार कर दिया गया था. आज इस स्थान को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. गेटवे ऑफ इंडिया के पास ही समुद्र के शानदार नजारे देखने के लिए नौका-सेवा भी उपलब्ध है.

मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र धार्मिक महत्त्व में काफी एहमियत रखता है. यहां प्राचीन मुंबा देवी धाम है. कहा जाता है कि मुंबा देवी के नाम पर ही इस शहर का नाम मुंबई रखा. 400 साल पुराने इस मंदिर को 1737 में मेंजिस नामक स्थान पर बनाया गया था. ब्रिटिश हुकूमत ने इस मंदिर को मरीन लाइन्स-पूर्व इलाके के बाजार में बीचों-बीच स्थापित कर दिया था. मुंबा देवी से मछुआरों की बड़ी आस्था जुड़ी हुई है. उनका मानना है समंदर में मुंबा देवी उनकी रक्षा करती हैं. बड़ी संख्या में भक्त मुंबा देवी धाम में दर्शन के लिए आते हैं.

हाजी अली की दरगाह

इसी लोकसभा में मुस्लिम धर्म की मशहूर हाजी अली दरगाह है. यहां सूफी बुजुर्ग हजरत सय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी का मकबरा है. वरली समुद्र तट के नजदीक एक छोटे से टापू पर बनी हाजी अली दरगाह का निर्माण साल 1431 में किया गया था. हाजी अली ट्रस्ट के मुताबिक, हजरत सय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी साड़ी दुनिया का भ्रमण करते हुए भारत पहुंचे थे, आप उज्बेकिस्तान के बुखारा प्रांत के रहने वाले थे. हाजी अली दरगाह की बड़ी मान्यता है. यहां हर मजहब के लोग अपनी आस्था लेकर आते हैं. इस दरगाह पर मुख्य सड़क से करीब 400 मीटर के एक पुल के जरिए जाया जाता है. इस पुल की उंचाई काफी कम है और इसके दोनों ओर समुद्र है.

वाल्केश्वर मंदिर, कोलाबा दुर्ग

मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र के कोलाबा में कोलाबा दुर्ग है. इसका निर्माण छत्रपति शिवाजी महाराज ने कराया था. उन्होंने इसे नौसैनिक अड्डा बनाया था. यह मराठाओं के लिए ब्रिटिश जहाजों पर हमला करने का एक केंद्र था. कोलाबा इलाका 16वीं सदी में पुर्तगाली साम्राज्य में कैण्डिल के नाम से जाना जाता था. 17वीं सदी में यह ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बन गया और यह कोलिया कहलाया जाने लगा. इस संसदीय क्षेत्र में मालाबार हिल है. यहां पहाड़ों पर बना पार्क है जो हैंगिंग गार्डन कहलाता है. इसके अलावा यहां प्राचीन वाल्केश्वर मंदिर और बाबुलनाथ मंदिर है. बाबुलनाथ मंदिर पहुंचने के लिए 100 से अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं.

कांग्रेस ने की 10 बार जीत दर्ज

15.55 लाख मतदाताओं वाली मुंबई दक्षिण लोकसभा की स्थापना देश में साल 1952 में हुए पहले आम चुनाव में हो गई थी. इस सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी 10 बार चुनाव जीत संसद पहुंचे हैं. वर्तमान में इस सीट पर शिवसेना का कब्जा है. इस सीट से साल 1952, 1957 और 1962 में कांग्रेस के एसके पाटिल लगातार विजयी हुए. 1967 में यह सीट संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कब्जे में चली गई और यहां से पार्टी के प्रत्याशी जॉर्ज फर्नांडिस चुनाव जीते.

4 बार जीते मुरली देवड़ा

1971 में फिर से इस सीट पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया और पार्टी के प्रत्याशी कैलास नारायण नरूला शिवनारायण सांसद चुने गए. 1977 और 1980 में जनता पार्टी के रतनसिंह राजदा चुने गए. 1984, 1989 और 1991 में कांग्रेस के मुरली देवड़ा लगातार तीन बार चुनाव जीते. 1996 में बीजेपी के जयवंतीबेन मेहता, 1998 में कांग्रेस के मुरली देवड़ा, 1999 में फिर से बीजेपी के जयवंतीबेन मेहता विजयी हुए. साल 2004 और 2009 में कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा विजेता घोषित हुए. 2014 और 2019 में यह सीट शिवसेना के पास चली गई. यहां से अरविन्द सावंत सांसद हैं.