विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को हराने वाला वो खिलाड़ी जिसे आईसीसी ने किया बैन

विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को हराने वाला वो खिलाड़ी जिसे आईसीसी ने किया बैन

अपने देश के बोर्ड से विवाद के बाद इस खिलाड़ी ने देश छोड़ दिया था और इंग्लैंड की काउंटी से खेलने चला गया था लेकिन दो साल बाद ही लौट आया.

जिम्बाब्वे की टीम आज काफी कमजोर मानी जाती है. लेकिन एक समय था जब इस टीम के पास एक से एक दिग्गज खिलाड़ी होते थे. ये खिलाड़ी हालांकि समय के साथ खोते चले गए. इस देश ने इंटरनेशनल क्रिकेट को जो बेहतरीन खिलाड़ी दिए उसकी आखिरी पौध में ब्रैंडन टेलर का नाम आता है. टेलर जिम्बाब्वे के कप्तान भी रहे और बेहतरीन बल्लेबाजों में गिने जाते हैं. लेकिन इस शानदार खिलाड़ी ने अपनी बल्लेबाजी से जितनी तारीफें बटोरी, अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर बैन होकर वो तारीफें मटियामेट कर दीं. टेलर की बात इसलिए क्योंकि आज इस दाएं हाथ के बल्लेबाज का जन्मदिन है. टेलर का जन्म छह फरवरी 1986 को हुआ था. आज ये खिलाड़ी आईसीसी के द्वारा बैन किया गया है.

महज 18 साल की उम्र में जिम्बाब्वे की टीम में इस खिलाड़ी की एंट्री हो गई थी और यहां से उन्होंने कमाल दिखाना शुरू कर दिया था. इस बल्लेबाज ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू 2004 में 20 अप्रैल को श्रीलंका के खिलाफ किया था. यहां से टेलर जिम्बाब्वे की टीम के अहम बल्लेबाज बनते चले गए.

ऑस्ट्रेलिया को चौंकाया

जिम्बाब्वे के पास कितने भी अच्छे खिलाड़ी रहे हों लेकिन जब इस टीम ने किसी बड़ी टीम को हराया तो सभी को हैरानी हुई. 2007 का समय वो था जब जिम्बाब्वे की क्रिकेट नीचे की तरफ जा रही थी. तभी टेलर ने अपनी बल्लेबाजी से टीम को न भूलने वाली जीत दिलाई. ये बात साउथ अफ्रीका में खेले गए पहले टी20 विश्व कप की है.साल था 2007. विश्व कप के मैच में जिम्बाब्वे ने उलटफेर करते हुए ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया था. जिम्बाब्वे ने पहले गेंदबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 20 ओवरों में नौ विकेट खोकर 138 रन ही बनाने दिए. इस लक्ष्य को जिम्बाब्वे ने एक गेंद पहले पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया.

139 रनों का लक्ष्य भी जिम्बाब्वे के लिए ऑस्ट्रेलिया के सामने मुश्किल था क्योंकि रिकी पॉन्टिंग की कप्तानी वाली इस टीम में ब्रेट ली, नाथन ब्रेकन, मिचेल जॉन्सन जैसे गेंदबाज थे. लेकिन टेलर ने इस मैच में नाबाद 60 रनों की पारी खेली और टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई. अपनी पारी में टेलर ने चार चौके और दो छक्के मारे.

फिक्सिंग के कारण लगा बैन

टेलर ने जिम्बाब्वे के बोर्ड से विवाद के कारण 2015 विश्व कप के बाद संन्यास ले लिया था और जिम्बाब्वे छोड़ कोलपैक डील साइन कर इंग्लैंड की काउंटी नॉटिंघमशर की तरफ से खेलने चले गए थे. लेकिन दो साल बाद वह वापस आ गए. पिछले साल हालांकि उन पर आईसीसी ने बैन लगा दिया. इसका कारण था कि उन्होंने स्पॉट फिक्सिंग का प्रस्ताव मिलने की बात को आईसीसी को देर से बताया था.इसके अलावा वह डोप टेस्ट में भी फेल हुए थे. इसी कारण आईसीसी ने उन पर साढ़े तीन साल का बैन लगाया है. टेलर से एक भारतीय बिजनेसमैन ने मुलाकात की थी और फिक्सिंग का प्रस्ताव दिया था. इस दौरान उन्होंने नशीले पदार्थ का सेवन भी किया था. टेलर ने इस बात को कबूल किया था कि उन्होंने इसके लिए कुछ पैसा भी लिया था.