नकली मूछें-नकली बाल, क्रिकेट ने बदली अपनी चाल, पुराने अंदाज में आई नई क्रांति
टी20 क्रिकेट आज के समय में काफी मशहूर है. इंटरनेशनल स्तर पर इसकी शुरुआत आज ही के दिन हुई थी और दो बेहतरीन टीमों के बीच ये मैच खेला गया था.
कभी आपने सोचा है कि क्रिकेटर मैदान पर नकली मूछें, विग पहन कर मैदान पर उतरें और खेलें. ऐसा हुआ था,आज से 18 साल पहले और तभी से क्रिकेट में क्रांति आई थी. आज के समय में क्रिकेट में तीन प्रारूप होते हैं लेकिन पहले ये सिर्फ दो थे. टेस्ट और वनडे. इसके बाद आया टी20 क्रिकेट. ये क्रिकेट हालांकि घरेलू स्तर पर कुछ जगह खेला जा रहा था लेकिन इंटरनेशनल स्तर पर पहला टी20 मैच आज ही के दिन यानी 17 फरवरी को 2005 में खेला गया था और इसी मैच में खिलाड़ी रेट्रो अंदाज में नजर आए थे. ये मैच खेला गया था ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच ऑकलैंड में .
इस मैच में न्यूजीलैंड के हैमिश मार्शल ने विग लगाई थी और क्रिस क्रेर्न्स ने नकली मूछें.दोनों टीमों ने ड्रेस भी काफी पुराने तरह की पहनी थी. न्यूजीलैंड की टीम ने कैप भी पुराने अंदाज वाली पहनी थी. इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 44 रनों से अपने नाम किया था. इस मैच में ग्लेन मैक्ग्रा ने आखिरी गेंद अंडरआर्म करने की कोशिश की जो इयान चैपल की कप्तानी में ट्रेवर चैपल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ की थी. ये मैक्ग्रा ने हालांकि मजाक में किया था.
ऐसा रहा था मैच
इस मैच में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था और टीम ने पांच विकेट खोकर 214 रन बनाए थे. पॉन्टिंग ने इस मैच में नाबाद 98 रन बनाए थे जिसके लिए उन्होंने 55 गेंदों का सामना कर आठ चौके और पांच छक्के मारे थे. उनके अलावा एंड्रयू साइमंड्स ने 32 और साइमन कैटिज ने 30 रन बनाए थे. एडम गिलक्रिस्ट के साथ माइकल क्लार्क ने ओपनिंग की थी लेकिन दोनों फेल रहे थे. गिलक्रिस्ट ने एक और माइकल ने तीन रन बनाए थे. डेमियन मार्टिन तीन रन बनाकर आउट हो गए थे. माइकल हसी कप्तान के साथ 15 गेंदों पर 31 रन बनाकर नाबाद गए थे.
न्यूजीलैंड को जीतने के लिए 215 रन चाहिए थे लेकिन कीवी टीम पूरे 20 ओवर खेलने के बाद 170 रन ही बना सकी थी. उसके लिए तूफानी बल्लेबाज ब्रेंडन मैक्कलम ने 24 गेंदों पर पांच चौके और एक छक्के की मदद से 36 रनों की पारी खेली थी. स्टीफन फ्लेमिंग ने 13 गेंदों पर 18 रन बनाए थे. उन्होंने तीन चौके मारे थे. स्कॉट स्टायरिस ने 39 गेंदों पर पांच चौके और तीन छक्कों की मदद से 66 रनों की पारी खेली थी.
इसके बाद आई थी क्रांति
इस मैच के बाद इंटरनेशनल स्तर पर टी20 क्रिकेट धीरे-धीर पैर पसारता चला गया. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि दो साल बाद आईसीसी ने टी20 विश्व कप कराया था जिसमें महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया विश्व विजेता बनी थी. 2008 में फिर इंडियन प्रीमियर लीग आई. यहां से लगातार ये प्रारूप फैलता चला गया और आज टी20 की लोकप्रियता ने नई ऊंचाइयां हासिल कर ली हैं.