शुरू होने वाली है देश की पहली रैपिड ट्रेन, पलक झपकते ही पहुंच जाएंगे मेरठ
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का प्रायोरिटी सेक्शन ऑपरेशन के लिए तैयार है. मौजूदा समय में 17 किमी लंबा प्रायोरिटी वाला सेक्शन साहिबाबाद से दुहाई तक फैला है. इस प्रायोरिटी वाले सेक्शन में पांच स्टेशन होंगे. साल 2025 तक मेरठ तक का पूरा कॉरिडोर तैयार हो जाएगा. मेरठ तक का टैवल टाइम घटकर 60 मिनट रह जाएगा.
भारत का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) जल्द ही शुरू होने वाला है. इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. हालांकि, इसके लॉन्च की सही तारीख और समय अभी तक तय नहीं है. लेकिन इस महीने के अंत में इसकी शुरूआत होने की संभावना है. गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साहिबाबाद स्थित रैपिडेक्स स्टेशन पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया और स्टेशन का निरीक्षण किया. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को एक वीडियो प्रेजेंटेशन भी दी. जिसमें सभी संबंधित पहलुओं पर डिटेल में जानकारी दी गई.
खास बात तो ये है कि इस सिस्टम के पूरा होने के बाद दिल्ली से मेरठ तक का सफर काफी आसान हो जाएगा. साथ ही ट्रैवल टाइम में 40 फीसदी की कमी आ जाएगी. मौजूदा समय में दिल्ली से मेरठ का ट्रैवल टाइम बस से 120 से 150 मिनट है. वहीं कार से भी दिल्ली से मेरठ का ट्रैवल टाइम 120 मिनट के आसपास है. जबकि रैपिट ट्रेन से यह समय कम होकर 90 मिनट या उससे कम हो कम हो सकता है.
प्रायोरिटी कॉरिडोर का रूट
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का प्रायोरिटी सेक्शन ऑपरेशन के लिए तैयार है. मौजूदा समय में 17 किमी लंबा प्रायोरिटी वाला सेक्शन साहिबाबाद से दुहाई तक फैला है. इस प्रायोरिटी वाले सेक्शन में पांच स्टेशन होंगे. जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल है.
RAPIDX सर्विस का क्या है महत्व
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर रीजनल रेल सर्विस की शुरुआत से लोग राष्ट्रीय राजधानी और मेरठ के बीच तेजी से यात्रा कर सकते हैं. RAPIDX सर्विस ट्रैवल का आधुनिक, टिकाऊ, सुविधाजनक, तेज, सुरक्षित और आरामदायक साधन प्रदान करेगी. पूरे कॉरिडोर के पूरा होने के बाद, आरआरटीएस दिल्ली और मेरठ के बीच ट्रैवल टाइम को 40 फीसदी तक कम कर देगा. एनसीआरटीसी ने 2025 तक पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को सार्वजनिक उपयोग के लिए चालू करने का लक्ष्य रखा है.