चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए गजब के बहाने… साहब! उसी दिन मेरा तिलक है
सीधी में संसदीय सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान होंगे. लेकिन उस दिन ड्यूटी से बचने के लिए रोज संयुक्त कलेक्टर को आवेदन मिल रहे हैं. अब तक उन्हें 150 से ज्यादा आवेदन मिले हैं. कोई बीमारी की बात कर रहा है तो कोई शादी समारोह का उल्लेख कर रहा है. अब तक 24 कर्मचारियों को राहत भी मिली है.
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में संसदीय सीट के लिए 19 अप्रैल को मतदान हैं. लेकिन यहां ड्यूटी से बचने के लिए हर दिन आवेदन लगाए जा रहे हैं. संयुक्त कलेक्टर को 150 से ज्यादा आवेदन अब तक मिल चुके हैं. ज्यादातर में बीमारी या फिर शादी का उल्लेख है. शनिवार को शादी का कार्ड लेकर संयुक्त कलेक्टर के पास पहुंचे एनसीएल के ब्लॉक बी परियोजना में कार्यरत एक कर्मचारी ने बताया कि 19 अप्रैल को उनका तिलक है और उसी दिन मतदान भी है.
फिलहाल कर्मचारी मोहित को आश्वासन मिला है. छुट्टी मिलेगी या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. बता दें, जिले के 815 मतदान केंद्रों पर वोटिंग करवाने सहित अन्य चुनावी कार्य में करीब 6 हजार अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है. इस बार भी शासकीय सेवकों के अलावा एनसीएल, एनटीपीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है.
ड्यूटी को जिला निर्वाचन अधिकारी ने अनिवार्य घोषित किया है. अवकाश पर पाबंदी लगा दी है. ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या 150 से ज्यादा है, जो चुनावी ड्यूटी नहीं करना चाहते. इसलिए आवेदन देकर उन्होंने ड्यूटी से मुक्ति की गुहार लगाई है.
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कुछ को मिली राहत
चुनावी ड्यूटी से मुक्त होने के लिए शनिवार को आवेदकों की भड़ी रही. संयुक्त कलेक्टर संजीव कुमार पाण्डेय के पास 30 से ज्यादा आवेदक पहुंचे. कोई बीमारी का हवाला देकर अपील करता मिला तो कोई शादी समारोह जैसे अन्य आयोजनों की दुहाई देता रहा. उन्होंने आवेदन को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति के बाद ड्यूटी से मुक्त करने का आश्वासन दिया. अब तक 24 आवेदकों को राहत भी मिल चुकी है.
संयुक्त कलेक्टर के मुताबिक, चुनावी ड्यूटी से मुक्त होने के लिए रोज आवेदन आ रहे हैं. उन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. जरूरत होने पर जांच भी करवाई जाएगी. आवेदन वाजिब होने पर जिला निर्वाचन अधिकारी की अनुमति से राहत भी दी जा रही है.