किसी के लिए डॉन तो किसी का रहनुमा…और दफन हो गया मुख्तार अंसारी

किसी के लिए डॉन तो किसी का रहनुमा…और दफन हो गया मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी को उनके पैतृक गांव गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. इस दौरान घर और कब्रिस्तान के बाहर मुख्तार के चाहने वालों का मजमा लगा रहा. समर्थकों ने मुख्तार जिंदाबाद के नारे लगाए. वहीं पुलिस प्रशासन की तरफ से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई.

बड़ी बड़ी आंखें, रौबदार चेहरा, ताव दिखाती मूछें. ये पहचान थी उस शख्सियत की जो हमेशा के लिए खामोश हो गया. मुख्तार अंसारी को आज उनके पैतृक गांव गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. माफिया कहो, डॉन कहो या फिर गैंगस्टर नाम सिर्फ एक ही है मुख्तार अंसारी. लेकिन इससे परे उनकी एक अलग शख्सियत भी थी. ये बात उनके जनाजे में शामिल भीड़ को देखकर साफ महसूस की जा सकती है.

चिलचिलाती धूप में जनाजे में शामिल होने के लिए लोगों का मजमा लगा रहा. जो इस बात की गवाही देती है कि मुख्तार इन लोगों के लिए किसी रहमुना, किसी मसीहा से कम नहीं थे. तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुख्तार का शव उनके पैतृक गांव मोहम्मदाबाद पहुंचा. किसी ने सोचा नहीं था कि एक दिन मुख्तार एक ताबूत में बंद होकर खामोशी के साथ इस तरह से भी आएंगे. इस दौरान घर के बाहर पुलिसकर्मियों के साथ ही अर्धसैनिक बल तैनात किए गए. धीरे धीरे भीड़ भी इकट्ठा होने लगी. ये वही लोग थे जिन्होंने मुख्तार को मुख्तार बनाया.

मुख्तार की एक झलक पाने के लिए लोगों का मजमा उनके घर के बाहर लग गया. इस दौरान मुख्तार के भतीजे और विधायक मन्नू अंसारी ने लोगों से गुजारिश की कि सभी लोग शांति बनाए रखें. इसके बाद मुख्तार को गुसल दिया गया और सफेद कफन पहनाकर उनका जनाजा तैयार किया गया. इस बीच बाहर मुख्तार के समर्थक बेकाबू होने लगे. उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. हालांकि बाद में पुलिस अधिकारियों के समझाने के बाद समर्थक शांत हो गए.

लोगों के हुजूम को देखते हुए जिस रास्ते से जनाजा गुजरना था. उसे डायवर्ट कर दिया गया. दूसरे रास्ते से जनाजे को कब्रिस्तान ले जाया गया. इस दौरान कब्रिस्तान के बाहर भी भारी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात थे. कब्रिस्तान के पास प्रिंस हॉल मैदान में जनाजे की नमाज अदा की गई. यहां ऐसा नजारा देखा गया जो शायद कम ही देखने को मिलता है. निगाहें जिस तरफ जा रही थी मुख्तार के चाहने वाले नजर आ रहे थे. लोग अपने घरों पर चढ़कर मुख्तार के आखिरी सफर के गवाह बन रहे थे.

जनाजे की नमाज अदा की गई. जिसके बाद मुख्तार को कालीबाग कब्रिस्तान ले जाया जाने लगा. इस दौरान भीड़ को काबू पाने में पुलिस के भी पसीने निकल गए. प्रशासन ने कब्रिस्तान के अंदर मुख्तार के परिवार वालों को ही जाने की इजाजत दी थी. माइक से लोगों किसी तरह समझाया गया. मानव चेन बनाई गई. तमाम मुश्किल का सामना करते हुए आखिरकार मुख्तार का जनाजा कब्रिस्तान पहुंच गया. इस दौरान मुख्तार के समर्थकों ने मुख्तार जिंदाबाद के नारे लगाए.