भारत को सुपर पावर बनने के लिए नेतृत्व करना होगा, किसी को फॉलो करने की जरूरत नहीं: एंड्री बेज्रुकोव

भारत को सुपर पावर बनने के लिए नेतृत्व करना होगा, किसी को फॉलो करने की जरूरत नहीं: एंड्री बेज्रुकोव

अमेरिका में रूस के एक स्लीपर एजेंट के तौर पर करियर शुरू करने वाले एंड्री अब ऐसी शख्सीयत हैं जो ग्लोबल साउथ और रूस को प्रभावित करने वाले पश्चिमी नरैटिव का मुकाबला करते हैं. एंड्री से बातचीत की Justin Thomas ने.

रूस के खुफिया एजेंट रहे एंड्री बेज्रुकोव का मानना है कि यदि भारत वैश्विक सुपर पावर बनने का सपना देखता है तो उसे नेतृत्व करना होगा. किसी को फॉलो करके ये सपना सच नहीं हो सकता. News9 से Exclusive बातचीत में रूस के जियोपॉलिटिक्स एक्सपर्ट एंड्री ने यह बात कही.

एंड्री बेज्रुकोव वही शख्स हैं जिन्हें 2010 तक डोनाल्ड हीटफील्ड के नाम से से जाना जाता था, तब वह अमेरिका में रहते थे. बाद में FBI ने जासूसी गिरोह का खुलासा कर स्पाई एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत उन्हें रूस में डिपोर्ट किया था. लोकप्रिय जासूसी थ्रिलर टीवी सीरीज ‘द अमेरिकन्स’ इन्हीं एंड्री बेज्रुकोव से प्रेरित है जो आज रूस में जियोपॉलिटिक्स के विशेषज्ञ हैं. अमेरिका में रूस के एक स्लीपर एजेंट के तौर पर करियर शुरू करने वाले एंड्री अब ऐसी शख्सीयत हैं जो ग्लोबल साउथ और रूस को प्रभावित करने वाले पश्चिमी नरैटिव का मुकाबला करते हैं.

मजबूत भविष्य के लिए खुद को बदले भारत

बातचीत में बेज्रुकोव ने स्वीकार किया कि भारत के संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध हैं. हालांकि वह सावधान करते हैं और कहते हैं कि – ‘भारत और अमेरिका के बीच संबंध नहीं तोड़े जा सकते क्योंकि बहुत सारे व्यवसाय एक साथ काम कर रहे हैं, मैं बस इतना कह रहा हूं कि भारत को समानांतर रूप से नए व्यापारिक संबंध बनाने चाहिए और जरूरत पड़ने पर पुराने संबंधों को रिप्लेस भी करना चाहिए, क्योंकि भारत भविष्य में नेतृत्व करने वाला होगा फॉलो करने वाला नहीं.’

साझेदारी की नई वैश्विक प्रणाली की जरूरत

बेज्रुकोव कहते हैं कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र पर अमेरिका की मजबूत पकड़ है. अमेरिका ये जानता है कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए इसका दुरुपयोग कैसे किया जाए. रूस अब उन पर भरेासा नहीं कर सकता, मुझे यकीन है कि भारत भी कोई ऐसी चीज नहीं खरीद सकता जो एक ब्लैक बॉक्स की तरह है. मसलन ऐसी चीज जिसके बारे में आप ये जान ही नहीं सकते कि ये कैसे काम कर रहा है.

उनकी ये चिंता एक जासूस के रूप दशकों के लंबे अनुभव से उपजी है. हालांकि बेज्रुकोव का दावा है कि उनके पास इसका समाधान भी है. वह कहते हैं कि ‘हमें साझेदारी की एक नई वैश्विक प्रणाली बनाने की जरूरत है. जब हम एक साथ कोई सिस्टम बनाते हैं तो वह ब्लैक बॉक्स नहीं रह जाता. ऐसे हम एक-दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं. ये भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि जो बनाया गया है सभी के लिए है और किसी को भी इसका अनुचित प्रयोग करने का अधिकार नहीं है.’

तकनीकी संप्रुभता के बिना राजनीतिक संप्रभुता असंभव

बेज्रुकोव कहते हैं कि जासूस के तौर पर उनके अनुभव ने ये सिखाया है कि जब तक कोई देश तकनीकी तौर पर संप्रभुता नहीं पाता तब तक वह राजनीतिक तौर पर भी सफल नहीं कहा जा सकता. क्योंकि दुनियाभर में सभी सरकारी प्रणालियां, बातचीत तकनीक पर ही आधारित है. दूसरे शब्दों में कहें तो तकनीकी स्वतंत्रता प्राप्त करने के मिशन में ही वैश्विक दक्षिण पर बढ़ रहे पश्चिमी देशों के दबदबे को तोड़ने की शक्ति है.

रूस-भारत को मिलकर काम करना होगा

एंड्री बेज्रुकोव कहते हैं कि एक ध्रुवीय दुनिया को खत्म करने के भारत और रूस को मिलकर काम करना होगा. वह कहते हैं कि ‘यदि हम दुनिया के साथ सिस्टम बनाने, व्यापार के नियमों को साथ बनाने तकनीकी के क्षेत्र में नए नियम, नए मानकों के लिए एक नया मॉडल तैयार करते हैं तो दुनिया में इसका प्रभाव दिखेगा. आपके पास किसी देश पर नियम थोपे बिना अपनी एक अलग दुनिया होगी’

ब्रिक्स से उम्मीद

बेज्रुकोव कहते हैं कि जिस तरह से ब्रिक्स ने जी-7 की तुलना में वैश्विक GDP पर कब्जा किया है उससे उम्मीद जगी है. न्यूज 9 ने उनसे पूछा कि कैसे ब्रिक्स जी7 देशों की तुलना में अधिक योगदान देते हैं और क्या इससे अमेरिका ग्लोबल साउथ में विभाजन पैदा करेगा? इस पर बेज्रुकोव कहते हैं कि ‘दुनिया का केंद्र पहले से ही यूरेशिया में हैं, इसलिए हमें नई व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए और नए नियमों को लिखना शुरू कर देना चाहिए. जो आने वाले वक्त के लिए उपयुक्त होगा. क्योंकि आने वाले वक्त में दुनिया एक ऐसे बदलाव से गुजरेगी जिसमें पश्चिम प्रमुख स्थिति में नहीं होगा. क्योंकि अमेरिका हमेशा से सिर्फ अपने हित के लिए ही काम करता है. उसका बस एक ही उद्देश्य रहा है कि फूट डालो और राज करो.

बेज्रुकोव से प्रेरित है द अमेरिकन्स सीरीज

‘द अमेरिकन्स’ के पहले सीजन के आखिरी एपिसोड में एक FBI एजेंट अपने पड़ोसी के गैरेज में प्रवेश करता है जो असल में एक रूसी एजेंट है. उस FBI एजेंट को वहां ऐसा कुछ नहीं मिलता जो आपत्तिजनक हो, तो वह अपने शक को अपने दिमाग की कल्पना समझता है और बाहर निकलता है. तभी हमें पता चलता है कि टीवी सीरीज में फिलिप का चरित्र एंडी बेज्रुकोव से प्रेरित है जो एक अंधेरे कोने में हाथ में बंदूक लिए छिपा रहा. अब वही जासूस बाहर आकर रूस का प्रमुख रणनीतिकार बन चुका है.