5 रुपये में खाना-लड़कियों को 50 हजार-किसानों को 8000… त्रिपुरा में BJP के वादे

5 रुपये में खाना-लड़कियों को 50 हजार-किसानों को 8000… त्रिपुरा में BJP के वादे

बीजेपी ने आगामी त्रिपुरा इलेक्शन के लिए मेनिफेस्टो लॉन्च किया है, इसमें बीजेपी ने किसानों, महिलाओं, आदिवासियों और ग्राणीण अंचलों के लिए कई वादें किए हैं.

बीजेपी ने त्रिपुरा में होने वाले विधानसभा चुनावसे महज 6 दिन पहले अपना मेनिफेस्टो जारी किया है. इस मेनिफेस्टों में किसानों और आम जनता को लुभाने के लिए कई विशेष पैकेज रखे गए हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि धार्मिक गुरु अनुकुल चंद्र के नाम पर सभी के लिए पांच रुपये की भोजन योजना शुरू करने के साथ ही अगरतला में एक क्षेत्रीय मेडिकल रिसर्च सेंटर की स्थापना भी की जाएगी.

बीजेपी ने गुरुवार को वादा किया कि त्रिपुरा में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने पर वह आदिवासी क्षेत्रों के लिए अधिक स्वायत्तता, किसानों की आर्थिक सहायता और रबर आधारित उद्योग के विशिष्ट-विनिर्माण क्षेत्रों में वृद्धि की जाएगी. नड्डा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम त्रिपुरा को डीटीएच – विकास (डिवेलपमेंट), परिवर्तन (ट्रांसफॉर्मेशन) और सद्भाव (हार्मनी) के रास्ते पर ले जाएंगे.’ घोषणापत्र में कहा गया है कि प्रत्येक बालिका को 50,000 रुपये का बालिका समृद्धि बांड दिया जाएगा, जबकि आदिवासी भाषा कोकबोरोक को सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम में विषय के रूप में शामिल किया जाएगा.

नड्डा ने कहा, ‘हम रबर और बांस पर आधारित उद्योग-विशिष्ट विनिर्माण क्षेत्र स्थापित करेंगे. 6,000 रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को बढ़ाया जाएगा और राज्य सरकार द्वारा 2,000 रुपये और प्रदान किए जाएंगे.’ उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में वापस आती है, तो आदिवासी क्षेत्रों के लिए विधायी, कार्यकारी और वित्तीय शक्तियों सहित अधिक स्वायत्तता दी जाएगी.

घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो त्रिपुरा उन्नत ग्राम कोष में 600 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इससे ग्रामीण बुनियादी ढांचे को और विकसित किया जा सके. आवेदन जमा करने के 15 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र प्रदान करके लास्ट माइल डिलेवरी सुनिश्चित की जा सके. मेनिफेस्टो जारी करते वक्त पार्टी अध्यक्ष नड्डा ने कहा, ‘संकल्प पत्र राज्य के विकास के लिए एक प्रतिबद्धता है. यह सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं है. क्या आपने 70 साल में कभी सुना है कि कोई नेता अपना रिपोर्ट कार्ड लाता है? लेकिन बीजेपी नेता रिपोर्ट कार्ड लेकर आता है.’

भाषा इनपुट के साथ.