बिहार: विकास के लिए 121 योजनाएं स्वीकृत, CM नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान की थी घोषणा

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के सभी जिलों में जनता से मिलकर उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं. समाधान के लिए ऑन स्पॉट ही अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री नयी-नयी योजनाओं की घोषणाएं भी कर रहे हैं. नयी सड़क, बाईपास और आरओबी के निर्माण पर मुख्यमंत्री विशेष ध्यान दे रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा को कामयाब बनाने के लिए कैबिनेट की बैठक में 20 हजार करोड़ रुपये की कुल 188 योजनाओं की घोषणाएं कीं. मंत्रिपरिषद् द्वारा 121 योजनाओं की स्वीकृति दी गई. इसमें विभाग के स्तर पर 67 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं. “मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना” के तहत ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम के अधीन समस्तीपुर जिला के कार्य प्रमंडल-समस्तीपुर अंतर्गत पथ “एन०एच०-28 छोटी बेझाडीह से कन्हैया चौक भाया शीतलपट्टी, महादेव चौक तक बाईपास सड़क का निर्माण (पार्ट-ए) एम०डी०आर०-टी 1 से हकीमाबाद तक बाईपास सड़क का निर्माण (पार्ट-बी)” की स्वीकृति दी गई है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बिहार के गांव-गांव में पक्की और चौड़ी सड़कें बन रही हैं. अच्छी सड़कें बन जाने से आज सुदूर गांव से राजधानी पटना आने में मुश्किल से 3 से 5 घंटे लग रहे हैं. अच्छी सड़कें होने से सुरक्षित आवागमन के साथ ही लोगों के समय की भी काफी बचत हो रही है.इसी तरह पूर्वी चंपारण जिलान्तर्गत लाल बकेया नदी पर बलुआ गुआबारी के समीप उच्चस्तरीय आर०सी०सी० पुल के निर्माण के लिए 72 करोड़ 34 लाख रुपये दिए गए हैं.
प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने सीवान जिले के विकास के लिए कई घोषणाएं की थीं जिनमें से सड़क चौड़ीकरण और मजबूतीकरण कार्य के लिए कैबिनेट से राशि पास कर दी गई है. सीवान जिले के अंतर्गत सीवान आन्दर पथ के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य के लिए 67 करोड़ 47 लाख 57 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है. साथ ही प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने छपरा में भी एकमा-मशरख पथ के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण की बात कही थी जिसके लिए 93 करोड़ 62 लाख 22 हजार रुपये कैबिनेट से पास किए गए हैं.
प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने समस्तीपुर जिलांतर्गत करेह बागमती नदी पर शंकरपुर घाट पर उच्चस्तरीय आर०सी०सी० पुल के निर्माण की घोषणा की थी. कैबिनेट ने इसे भी पास कर दिया है और इसके निर्माण के लिए 62 करोड़ 25 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है. साथ ही समस्तीपुर जिलांतर्गत बूढ़ी गंडक नदी के मगरदही घाट पर पुराने स्क्रूपाईल ब्रिज के स्थान पर पहुँच पथ सहित उच्चस्तरीय आर०सी०सी० पुल के निर्माण के लिए 44 करोड़ 8 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है.
इसके अलावे पथ प्रमंडल अररिया अंतर्गत सैफगंज-सुकैला मोड़ भाया महथावा भरगामा पथ के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य के लिए 92 करोड़ 82 लाख 66 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है. साथ ही गोपालगंज अंतर्गत मीरगंज बाईपास पथ के निर्माण कार्य के लिए 131 करोड़ 32 लाख 68 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है. पथ प्रमंडल, बेनीपुर के अंतर्गत असमा पुल (दरभंगा-कुशेश्वर स्थान पथ, एस०एच०-56) से धबौलिया (कुशेश्वर स्थान-फुलतोड़ा घाट पथ) तक बाईपास पथ के निर्माण कार्य के लिए 85 करोड़ 84 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है.
प्रगति यात्रा के क्रम में पथ प्रमंडल छपरा अंतर्गत एकमा डुमाईगढ़ पथ के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य के लिए 41 करोड़ 66 लाख 29 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है. प्रगति यात्रा के क्रम में पथ प्रमंडल मधुबनी अंतर्गत 105 2-लेन पेभ्ड सोल्डर सहित मधुबनी रिंग रोड (i) पश्चिमी भाग रिंग रोड-कनकपुर (एन०एच०-27) से जगतपुर (एन०एच०-527ए) लंबाई 20.075 कि०मी० (ii) दक्षिणी भाग रिंग रोड-बिरसार से गंगापुर, लंबाई 5.75 कि०मी० के निर्माण के लिए 293 करोड़ 95 लाख 69 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. साथ ही प्रगति यात्रा के क्रम में पथ प्रमंडल रोसड़ा अंतर्गत रोसड़ा-शिवाजी नगर बरियाही घाट-बहेरी पथ के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य के लिए 96 करोड़ 11 लाख 20 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है.
साथ ही प्रगति यात्रा के क्रम में पथ प्रमंडल, रोसड़ा अंतर्गत (1) रोसड़ा बाईपास (उत्तरी) कलवारा चौक (रोसड़ा हथौड़ी पथ के 2रें कि०मी०) से धरहारा (एस०एच०-88 के 5वें कि०मी०) भाया लालपुर, मुहम्मदपुर एवं पवाड़ा तथा (2) रोसड़ा बाईपास (दक्षिणी) रोहुआ (एस०एच०-55 के 26वें कि०मी०) से दौलतपुर (एस०एच०-55 के चैनेज 37वें कि०मी०) तक के निर्माण कार्य के लिए 87 करोड़ 18 लाख 95 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है. इसी तरह दरभंगा, किशनगंज और रोसड़ा सहित अन्य जिलों के पथ, बाईपास और आर0ओ0बी0 के निर्माण के लिए कैबिनेट से राशि पास की गई है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्पष्ट मानना है कि किसी भी राज्य के विकास के लिए मूलभूत सुविधाओं का होना निहायत जरूरी है. जनता-जनार्दन से प्रत्यक्ष रूप से मिलने और उनकी समस्याओं से अवगत होने के लिए मुख्यमंत्री पहली बार 12 जुलाई, 2005 को न्याय यात्रा पर निकले थे फिर 9 जनवरी, 2009 को विकास यात्रा और 17 जून, 2009 से धन्यवाद यात्रा की शुरुआत की.
इसके बाद मुख्यमंत्री 25 दिसंबर, 2009 को प्रवास यात्रा पर निकले और इसके जरिए उन्होंने अपने 4 साल के कार्यकाल को जनता के सामने रखा. इस तरह मुख्यमंत्री लगभग प्रत्येक साल यात्रा के जरिए जनता से रू-ब-रू हुए और ऑन स्पॉट उनकी समस्याओं का समाधान किया. एक बार फिर वे बिहार के विकास के लिए ‘प्रगति यात्रा’ पर गतिमान हैं.