ऐसा कुछ भी नहीं था कि जो हटाया जाए…कांग्रेस ने पार्टी नेताओं के भाषण के अंश हटाए जाने पर जताई आपत्ति

ऐसा कुछ भी नहीं था कि जो हटाया जाए…कांग्रेस ने पार्टी नेताओं के भाषण के अंश हटाए जाने पर जताई आपत्ति

कांग्रेस नेता ने कहा कि लोकसभा में ओम बिरला और राज्यसभा में जगदीप धनखड़ की यह जिम्मेदारी है कि वो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित हुए बगैर सदन में बहस कराएं.

कांग्रेस ने बीते दिनों संसद में पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के अंश को संसद की कार्यवाही से हटाए जाने को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला है. पार्टी ने आज यानी रविवार को कहा कि बीजेपी वाले नहीं चाहते है संसद आम सहमति, सहयोग और सहमति से चले. ये लोग चाहते है कि संसद में संघर्ष, अराजकता और टकराव दिखे.कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार सभी चीजों को अपने काबू करने में लगी हुई है. यही लिए कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा दिए गए भाषण को लेकर सरकार को इस तरह का कदम उठाना पड़ा.

वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बीते दिनों संसद में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने जो भाषण दिया उसमें कुछ भी ऐसा नहीं था. जो अशोभनीय या असंसदीय हो, इसके बावजूद इन नेताओं के भाषण के अंश को हटाया गया. उन्होंने आगे कहा कि संसद में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने सहज और सम्मान के साथ तथ्यों को सामने रखा. सिंघवी ने कहा कि भाषण से जिन अंशों को निकाला गया है उनमें पूछे गए प्रश्न भी शामिल हैं.

‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला नहीं घोंटना चाहिए’

कांग्रेस नेता ने कहा कि लोकसभा में ओम बिरला और राज्यसभा में जगदीप धनखड़ की यह जिम्मेदारी है कि वो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रभावित हुए बगैर सदन में बहस कराएं. सिंघवी ने कहा कि जब तक “संसद के दोनों सदनों के भीतर स्वतंत्र, स्पष्ट और निडर चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया जाए तो संसद शायद ही देश के प्रति जवाबदेह रह पाए.

राहुल गांधी ने उठाया था ये सवाल

बता दें कि सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को सवाल किया था कि उनके भाषण के कुछ हिस्सों को संसद के रिकॉर्ड से क्यों निकाल दिया गया, उन्होंने अरबपति गौतम अडाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंधों को लेकर हमला बोला था. राहुल ने सवाल उठाया था, “मेरे शब्द क्यों हटाए गए?” उन्होंने जाते समय कहा था कि प्रधानमंत्री सवालों के जवाब देने में विफल रहे.

राहुल ने कहा था कि मैंने पीएस से गौतम अडाणी के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछे. उन्होंने उनका जवाब नहीं दिया यह सच्चाई का खुलासा करता है. यदि वे दोस्त नहीं होते, तो वे जांच के लिए सहमत होते.