कर्नाटक के नए DGP होंगे डॉ आलोक मोहन, लेंगे प्रवीण सूद की जगह; अमरदीप सिंह औजला MGS नियुक्त
Karnataka New DGP: डॉ आलोक मोहन 1987 बैच (कर्नाटक काडर) के आईपीएस अधिकारी हैं. वह प्रवीण सूद की जगह लेंगे, जिन्हें हाल ही में CBI का नया निदेशक नियुक्त किया गया है. 25 मई को वह अपना पद संभालेंगे.
Karnataka New DGP: कर्नाटक सरकार ने डॉ आलोक मोहन को राज्य का नया डीजीपी अपॉइंट किया गया है. डॉ मोहन प्रवीण सूद की जगह लेंगे. प्रवीण सूद को हाल ही में सीबीआई का डायरेक्टर नियुक्त किया गया है. वह 25 मई को अपना पद संभालेंगे. कर्नाटक सरकार ने कहा है कि डॉ आलोक मोहन 22 मई को डीजीपी का कार्यभार संभालेंगे.
डॉ आलोक मोहन 1987 बैच (कर्नाटक काडर) के आईपीएस अधिकारी हैं. डॉ आलोक मोहन, जो होमगार्ड्स के डीजीपी और कमानडेंट जनरल थे, उन्हें डीजीपी के साथ-साथ कर्नाटक स्टेट पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन का चेयरमैन, बेंगलुरु के पद का भी एडिशनल चार्ज दिया गया है.
Dr Alok Mohan, Director General of Police & Commandant General, Home Guards given additional charge of the post of Director General and Inspector General of Police (Head of Police Force) Karnataka State along with the post of Chairman, Karnataka State Police Housing Corporation,
— ANI (@ANI) May 20, 2023
अमरदीप सिंह औजला MGS नियुक्त
उधर, चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला को इंडियन आर्मी का नया MGS नियुक्त किया गया है. एमजीएस का मतलब मास्टर जनरल सस्टेनेंस होता है. औजला पिछले साल मई से चिनार कॉर्प्स की जिम्मेदार संभाल रहे हैं. उन्होंने LoC और वहां की आंतरिक सुरक्षा स्थिति को सुरक्षित रखने में बड़ी भूमिका अदा की है.
Chinar Corps Commander Lt Gen Amardeep Singh Aujla has been appointed as the new Master General Sustenance (MGS) of the Indian Army. pic.twitter.com/dyVnHwGSyu
— ANI (@ANI) May 20, 2023
1987 में सेना में शामिल हुए औजला
राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट में कमीशन औजला दिसंबर 1987 में सेना में शामिल हुए. उन्होंने कश्मीर घाटी में तीन ऑपरेशनल टेन्योर को पूरा किया है. इसमें कश्मीर में कंपनी कमांडर, प्रतिष्ठित 268 इन्फैंट्री ब्रिगेड और नॉर्थ कश्मीर में नियंत्रण रेखा के साथ 28 इन्फैंट्री डिवीजन शामिल हैं.
क्या होती है MSG की भूमिका?
एमएसजी की भूमिका हर समय वाहनों और स्टोर सहित हथियारों, गोला-बारूद और अन्य उपकरणों की उच्च स्थिति सुनिश्चित करके युद्ध और शांति के दौरान भारतीय सेना को बनाए रखना होता है.