ये चुनाव बिजली-पानी का नहीं, हिंदुस्तान को बचाने का है…अनंतनाग-रजौरी में चुनाव टलने पर बोले उमर अब्दुल्ला
चुनाव आयोग द्वारा अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव टालने के चुनाव आयोग के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर की सियासत गरमाई गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस से लेकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाया है.
अनंतनाग-राजौरी लोकसभा केंद्र पर चुनाव आयोग ने 7 मई को प्रस्तावित लोकसभा चुनाव 25 मई तक टाल दिया है. चुनाव आयोग द्वारा अनंतनाग-राजौरी लोकसभा केंद्र में चुनाव की तारीख बदलने पर जम्मू-कश्मीर की सियासत गरमा गई है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कहा कि 1987 दोहराए जाने की कोशिश की जा रही है. वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) पर तंज कसते हुए कहा कि इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि महज भूस्खलन के कारण चुनाव टाल दिया गया हो.
चुनाव आयोग द्वारा अनंतनाग-राजौरी सीट पर मतदान की तारीख को संशोधित कर 25 मई की घोषणा करने के बाद प्रमुख राजनीतिक दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. पीडीपी ने बुधवार को चुनाव आयोग के खिलाफ श्रीनगर पार्टी मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया और चुनाव आयोग के इस फैसले की कड़ी शब्दों में निंदा की.
पीडीपी के नेताओं के अनुसार चुनाव आयोग फिर 1987 के हालात को दोहराने की कोशिश कर रहा है, मगर वैसा होगा नहीं. पीडीपी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि सरकार यहां 1987 को दोहराने की कोशिश कर रही हैं, मगर इस बार हथियार से नहीं, लोग वोट से इसका जवाब देंगे और जब भी चुनाव होगा, बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों को हार का सामना करना पड़ेगा.
चुनाव टाले जाने पर शुरू हुई सियासत
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्लाह ने चुनाव आयोग द्वारा जारी इस नोटिस पर अपनी टिप्पणी देते हुए कहा कि भाजपा और उसके सहयोगियों को इस कदम से फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, वरना तारीख टालने का कोई कारण नहीं है. उमर के अनुसार यह पहली बार नहीं है कि चुनाव आयोग भाजपा की मदद कर रहा है, लेकिन वे कुछ भी करें, जितनी चाहें, उतनी साजिश कर सकते हैं. इस चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगियों को हार का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यह चुनाव बिजली-पानी का नहीं, हिंदुस्तान बचाने का चुनाव है.
जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने चुनाव आयोग के इस निर्णय का स्वागत किया है. अल्ताफ बुखारी के अनुसार वह चुनाव आयोग के इस फैसले का स्वागत करते हैं, जो उनकी गुजारिश थी और उसे आंशिक रूप से मानी गई है. अल्ताफ के अनुसार, वहां मौसम खराब है. चार दिन से मुगल रोड बंद है. ऊपर जो लोग रहते हैं, उसकी वजह से ऐसा कहा था. बाकी निर्दलीय उम्मीदवारों का भी कहना था कि वह ऊपरी इलाकों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. अच्छा है, क्योंकि लोकतंत्र में हर एक का वोट महत्व रखता है.
अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला
जम्मू कश्मीर पीप्लस कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सजाद लोन के अनुसार चुनाव स्थगित करना केवल चुनाव आयोग के अधिकार में हैं और अगर किसी विशेष वर्ग या समुदाय की मांग थी कि तारीख बदली जाए, तो उस में गलत कुछ नहीं है.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र के लिए मतदान की तारीख को 7 मई से संशोधित कर 25 मई कर दिया है. चुनाव आयोग ने 12 अप्रैल को तीसरे चरण में निर्वाचन क्षेत्र के लिए अधिसूचना जारी की थी और मतदान का दिन 7 मई को निर्धारित किया गया था.