‘पैसे पर ज्ञान’ देने वाले सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स पर फिलहाल रोक नहीं, बंद होंगी पोंजी एप्स

‘पैसे पर ज्ञान’ देने वाले सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स पर फिलहाल रोक नहीं, बंद होंगी पोंजी एप्स

आजकल सोशल मीडिया पर इंफ्लूएंसर्स आपको फैशन से लेकर फाइनेंस तक के टिप्स देते हैं. हाल मे सेबी ने फाइनेंशियल टिप्स देने के कुछ मामलों में कड़ी कार्रवाई की है, लेकिन अभी सरकार का इस पर रोक लगाने का कोई इरादा नहीं दिखता है.

आजकल लोग कई सारी जानकारी के लिए सोशल मीडिया पर डिपेंड रहते हैं. फिर चाहें फैशन की बात हो, कुकिंग या ग्रूमिंग की बात हो या फिर फाइनेंशियल अपडेट्स की, लोग रील से लेकर यूट्यूब वीडियो से इनकी डिटेल्स एक्सेस करते हैं. लेकिन हाल में सेबी ने सोशल मीडिया पर फाइनेंशियल टिप्स देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, वहीं सरकार भी अलग-अलग मोर्चों पर कदम उठा रही है.

इसे लेकर रविवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सवाल किया गया. उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार की सोशल मीडिया पर मौजूद फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स को रेग्युलेट करने की कोई योजना नहीं है, और ना ही सरकार को इस संबंध में कोई प्रस्ताव मिला है.

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सोशल मीडिया अच्छे सलाहकार भी

निर्मला सीतारमण का कहना है कि सोशल मीडिया पर कुछ अच्छे फाइनेंशियल एडवाइजर भी मौजूद हैं. लोगों को निवेश और बचत की अच्छी सलाह वो देते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जो लोगों को लालच देते हैं और अक्सर उन्हें हाई रिटर्न का भरोसा दिलाकर किसी झांसे वाली स्कीम में फंसाने का काम करते हैं.

सरकार के पास अभी इन्हें रेग्युलेट करने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन वित्त मंत्री के मुताबिक लोगों को सचेत रहने की जरूरत है, क्योंकि 10 में से अगर 3 या 4 लोग सही सलाह दे रहे हैं तो बाकी 7 लोग नुकसान करा सकते हैं.

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पोंजी एप्स पर सख्त सरकार

इसी के साथ उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ऐसी पोंजी एप्स के खिलाफ सख्त रवैया अपना रही है, जो लोगों को हाई रिटर्न का लालच देती हैं. लोगों को भी सावधान रहकर ऐसी एप्स पर डबल चेक करना चाहिए. हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय इन एप्स पर कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं.

वित्त मंत्री का ये बयान ऐसे समय आया है जब देश का स्टॉक मार्केट बूम कर रहा है. लोग शेयर बाजार में निवेश के लिए जगह-जगह से सलाह ले रहे हैं. ऐसे में सोशल मीडिया लोगों का प्रिफर सोर्स बनता जा रहा है. इसलिए फाइनेंशियल टिप्स देने वाले सोशल मीडिया इंफ्लूऐंसर्स को रेग्यूलेट करने की मांग उठ रही है.