MP के इस गांव में फैला हैजा, 4 दिन में आए 66 मरीज; अब तक 2 बच्चों की मौत
शिवपुरी जिले के आदिवासी गांव टीलाकलां में हैजा फैलने से लोगों में दहशत है. हैजा से अब तक गांव में दो बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं जांच रिपोर्ट में 60 बच्चों को हैजा होने की पुष्टि हुई है. बच्चों के बीमार होने की मुख्य वजह गांव के कुएं का गंदा पानी बताया जा रहा है, जिसे पीकर सभी बच्चे बीमार हुए हैं.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के टीलाकलां गांव में हैजा फैला हुआ है. हैजा के कारण रविवार को एक बच्ची ने दम तोड़ दिया था, जबकि गांव में लगे स्वास्थ्य कैंप में 60 बच्चे बीमार मिले थे. इसी क्रम में मंगलवार रात एक और बच्ची ने उल्टी-दस्त के बाद दम तोड़ दिया. गांव में फैले हैजा की वजह से एक के बाद एक दो मौतें हो चुकी हैं. बीमारी के बढ़ने के बाद से ही पूरे गांव में दहशत फैली हुई है.
टीलाकलां गांव आदिवासियों का गांव है. इस गांव के 60 से अधिक बच्चे इस समय हैजा की चपेट में हैं. गांव में हैजा फैलने का कारण कुएं का दूषित पानी है, जिसे पीकर सभी बच्चे बीमार हुए हैं. बीमारी का प्रकोप इतना अधिक है कि बीते कुछ ही दिनों में ही दो बच्चों की मौत हो चुकी है. रविवार को उल्टी-दस्त होने के कारण सुहानी पुत्री राजाराम आदिवासी ने दम तोड़ दिया था. इसके बाद गांव के बच्चों में बीमारी के लक्षण दिखाई दिए तो कई बच्चों को कोलारस स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया.
60 बच्चों की जांच रिपोर्ट में हुई हैजा की पुष्टि
इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने मंगलवार को गांव में स्वास्थ्य शिविर लगवाया. स्वास्थ्य शिविर में जांच की गई तो 60 से अधिक बच्चों में बीमारी के लक्षण मिले, जिसके चलते बच्चों को दवा देकर प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया. स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव वालों को उबला हुआ पानी पीने की सलाह दी गई है. इसके बावजूद मंगलवार की देर रात एक अन्य बच्ची नेहा पुत्री मौसम आदिवासी उम्र ढाई साल की तबीयत बिगड़ गई.
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अस्पताल पहुंचने से पहले हुई बच्ची मौत
तबीयत बिगड़ने पर उसे एंबुलेंस से कोलारस स्वास्थ्य केंद्र रेफर किया गया, जहां बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे शिवपुरी जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन शिवपुरी जिला अस्पताल में पहुंचने से पहले ही बच्ची की मौत हो गई. अस्पताल में पहुंचते ही डॉक्टरों ने नेहा की जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया.