छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED का बड़ा एक्शन, पूर्व मंत्री कवासी लखमा अरेस्ट

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED का बड़ा एक्शन, पूर्व मंत्री कवासी लखमा अरेस्ट

2 हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. जांच एजेंसी ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया है. बीते साल दिसंबर में ईडी ने पूर्व मंत्री लखमा के घर पर रेड मारी थी. इस छापेमारी में ईडी के अधिकारी 50 से ज्यादा और करीब 100 जवान शामिल थे.

छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. जांच एजेंसी नेपूर्व मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें आज ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) दफ्तर से स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस बीच लखमा को लेकर ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बड़ा खुलासा किया है.

उन्होंने कहा है कि कवासी लखमा को लेकर 2 लोगों ने जानकारी दी थी. इसमे अरुणपति त्रिपाठी और अरविंद सिंह ने बताया था कि 50 लाख रुपये हर महीने दिया जाता था. अरुणपति त्रिपाठी ने बताया कि डेढ़ करोड़ रुपये अलग से दिया जाता है. इसका मतलब 2 करोड़ रुपये उनको हर महीने दिया जाता था.

कांग्रेस भवन बनाने में भी इन पैसों का इस्तेमाल किया

वकील सौरभ ने बताया, 36 महीने तक यह कार्रवाई चली, जिसमें इडी के हिसाब से प्रोजेक्शन प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड़ है. वहीं एक्साइज ऑफिस के कर्मचारी इकबाल खान और जयंत देवांगन ने बताया था कि कन्हैयालाल कुर्रे उनके पास पैसे पहुंचाता था. इसके अलावा जग्गनाथ जग्गू उर्फ राजू के घर से भी ऐसे डिजिटल एविडेंस मिले हैं, जिसमें पैसों के लेन-देन के सबूत मिले हैं. जिससे यह पता चला है कि लखमा ने सुकमा में अपने बेटे का घर और कांग्रेस भवन बनाने में भी इन पैसों का इस्तेमाल किया है.

बीते साल दिसंबर में ईडी ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के घर पर रेड मारी थी. जांच एजेंसी ने करीब 7 जगहों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी में ईडी के अधिकारी 50 से ज्यादा और करीब 100 जवान शामिल थे. पूर्व मंत्री लखमा पर आरोप है कि साल 2020 से 2022 तक जब वो छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री थे, तब उन्हें हर महीने 50 लाख रुपये दिये जाते थे. ये पैसा वो कमीशन के तौर पर लेते थे.

साय सरकार ने सीबीआई की सौंपी थी जांच की कमान

पूर्व मंत्री कवासी लखमा अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. दिसंबर महीने की कार्रवाई से पहले भी ईडी ने उनके खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की थी. जहां तक बात शराब घोटाले की है तो बीते साल ही छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने मामले को लेकर बड़ा फैसला लिया था. सरकार ने इस कथित घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.

एफआईआर में एसीबी ने क्या-क्या कहा है

कथित शराब घोटाले में एसीबी में हुई एफआईआर के बाद ईडी जांच कर रही है. एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है. ईडी की जांच में ये बात सामने आई है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अफसर अवैध सिंडिकेट चलाकर शराब घोटाले को अंजाम दे रहे थे.

कमीशन का बड़ा हिस्सा लखमा के पास जाता था

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि तत्कालीन आबकारी मंत्री लखमा को इसकी जानकारी थी. एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि कमीशन का बड़ा हिस्सा लखमा के पास भी जाता था. 2 हजार 161 करोड़ के शराब घोटाले में एसीबी ने 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.