जानें कौन हैं डॉ. मनोज पंत? बीपी गोपालिका की जगह बने पश्चिम बंगाल के नये मुख्य सचिव
उत्तराखंड के रहने वाले आईएएस डॉ. मनोज पंत को पश्चिम बंगाल का नया मुख्य सचिव बनाया गया है. बीपी गोपालिका के रिटायर्ड होने के बाद उनको यह जिम्मेदारी मिली है. डॉ. पंत 1991 बैच के IAS अधिकारी हैं. उनके पास लंबा प्रशासनिक अनुभव है.
पश्चिम बंगाल के नये मुख्य सचिव डॉ. मनोज पंत प. बंगाल कैडर के ही 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. इससे पहले वो पश्चिम बंगाल में सिंचाई और जलमार्ग विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत थे. मुख्य सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति काफी अहम मानी जा रही है. राज्य के प्रशासनिक फेरबदल में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है. उनके पास व्यापक प्रशासनिक अनुभव और शासन को मजबूत करने का एक ट्रैक रिकॉर्ड है.
डॉ. मनोज पंत हीराडूंगरी, अल्मोडा, उत्तराखंड के रहने वाले हैं. उनके पिता धर्मानंद पंत स्कूल शिक्षक थे. उनकी मां का नाम रेवती पंत था. दोनों का स्वर्गवास हो चुका है. कहते हैं पिता धर्मानंद पंत ने अपने बेटे को सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. शिक्षा और अनुशासन डॉ. पंत को विरासत में मिला. यह उनकी उपलब्धियों का आधार बना. शिक्षा के साथ ही दृढ़ता, कड़ी मेहनत और ईमानदारी का उन्होंने पालन करना अपने पिता से सीखा.
घोड़ाखाल में स्कूली शिक्षा, नैनीताल से BSc
डॉ. मनोज पंत की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा सैनिक स्कूल, घोड़ाखाल से शुरू हुई थी, जहां वो स्कूल कैप्टन भी थे. उसके बाद उन्होंने डीएसबी कॉलेज नैनीताल से BSc की डिग्री प्राप्त की. वहीं उन्होंने आईआईटी रुड़की से एप्लाइड जियोलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल की थी. उनको विशिष्ठ स्थान हासिल करने पर स्वर्ण पदक भी प्राप्त हुआ.
वित्त मंत्री रहते डॉ. प्रणब मुखर्जी के निजी सचिव भी रहे
डॉ. मनोज पंत ने साल 2007 में अमेरिका के सिरैक्यूज़ विश्वविद्यालय से भी सार्वजनिक प्रशासन में एमए की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने 2018 में कोलकाता विश्वविद्यालय से पीएच.डी. पूरी की थी.
डॉ. मनोज पंत साल 1991 में पश्चिम बंगाल कैडर में आईएएस में शामिल हुए. उन्होंने मुर्शिदाबाद और एन24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में सेवा दी. वहीं केंद्र में तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. प्रणब मुखर्जी के निजी सचिव और वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में भी उन्होंने काम किया था.