दामाद ने ससुराल से बिजनेस के लिए पैसा मांगा तो क्या वह दहेज कहलाएगा?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक दहेज केस की सुनवाई करते हुए उसे रद्द करने का आदेश दिया. पत्नी ने पति पर FIR दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसने बिजनेस के लिए मायके से पैसे लाने कहा. इस पर 50 हजार रुपए उसे दिए गए. बाकि के डेढ़ लाख भी लाने के लिए दबाव डाला गया. केस की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह की मांग दहेज की श्रेणी में नहीं आती है.
अपने देश में शादी-ब्याह में दहेज देने और लेने की परंपरा आज भी चली आ रही है. इस परंपरा के कारण लोग अदालतों के चक्कर लगाने को मजबूर रहते हैं. यहां तक कि लोगों को जेल की हवा भी खानी पड़ती है. अक्सर इसमें महिला के ससुराल वालों को ही फंसते देखा जाता है. कई बार तो ये मामले सच भी साबित होते हैं तो कई बार झूठी कहानियां भी निकलकर सामने आती हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक दहेज केस की सुनवाई करते हुए महिला के ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस को रद्द करने का आदेश दिया.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि बिजनेस के लिए ससुराल से दो लाख की मांग दहेज की श्रेणी में शामिल नहीं है. व्यवसाय के लिए पैसे की मांग को दहेज की मांग नहीं माना जा सकता. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित पत्नी ने दुर्भावनापूर्ण ढंग से निराधार आरोपों पर पति के परिवार के 11 लोगों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज कराया. पुलिस ने पति, उसके दो भाई और दो भाभी समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया, जबकि भाई-भाभी याची से अलग रहते हैं और पैसे से उनको कोई लाभ भी नहीं मिलना था.
पीड़िता की FIR झूठ का पुलिंदा- हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि जहां तक मारपीट, गाली-गलौज का सवाल है तो पीड़िता ने स्वयं अपने बयान में कहा कि उसे कोई चोट नहीं लगी. पैसे की मांग पूरी न करने पर उसकी हत्या का षड्यंत्र रचा जा रहा था. हाई कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की FIR झूठ का पुलिंदा है. केस दुर्भावनापूर्ण ढंग से दाखिल किया गया है. जो धारा 482 की अंतर्निहित शक्ति का इस्तेमाल करने के लिए सबसे उपयुक्त केस है. कोर्ट ने CJM कानपुर नगर के समक्ष चल रही केस कार्यवाही को भी रद्द कर दिया.
पति ने बिजनेस के लिए 2 लाख रुपए मांगे
यह आदेश न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता ने देवदत्त और चार अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया. बता दें कि याची व पीड़िता की 2012 में शादी हुई और बच्चे भी पैदा हुए. इसी दौरान पीड़िता की मां बीमार हो गई, जिनकी देखभाल के लिए वह मायके आ गई. उसका कहना था कि शुरुआत से ही बिजनेस के लिए दो लाख रुपए लाने का दबाव डाला गया और परेशान किया गया. उसने 50 हजार रुपए लाकर दिया भी और शेष डेढ़ लाख के लिए उसे परेशान किया जाता रहा. उसकी मां की मौत के बाद उसकी ससुराल के किसी व्यक्ति ने खबर नहीं ली तो दहेज उत्पीड़न के आरोप में फजलगंज थाने में FIR दर्ज करा दिया.