तुर्की-सीरिया में युद्धस्तर पर काम कर रही भारतीय सेना, ऐसे बचा रही लोगों की जान

तुर्की-सीरिया में युद्धस्तर पर काम कर रही भारतीय सेना, ऐसे बचा रही लोगों की जान

भारत 'ऑपरेशन दोस्त' के जरिए तुर्की और सीरिया की मदद कर रहा है. भारत ने सेना और एनडीआरएफ की कई टीमें मदद के लिए भेजी हैं, जो लोगों को बचाने और घायलों का इलाज करने में मदद कर रही हैं.

तुर्की और सीरिया में सोमवार (6 फरवरी) को आए भूकंप से मची तबाही में अब तक 28000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 80 हजार से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. लगातार छठे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. खंडहर में अभी भी जिंदगी से मौत की जंग जारी है. शवों के साथ-साथ मलबों से कुछ जिंदगियां भी बाहर निकाली जा रही हैं. साथ ही दुआओं का दौर भी जारी है.

किसी को 90 घंटे बाद मलबे से निकाला गया तो वहीं कोई 94 घंटों तक जिंदगी से जद्दोजहद करता रहा. एक को तो 144 घंटे बाद मलबे से बाहर निकाला गया लेकिन अस्पताल में जाकर उसकी मौत हो गई. खंडहर-मलबे से इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. तुर्की और सीरिया में राहत और बचाव के लिए भारत समेत दुनिया के कई देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है.

‘ऑपरेशन दोस्त’ के जरिए भारत कर रहा मदद

भारत ‘ऑपरेशन दोस्त’ के जरिए तुर्की और सीरिया की मदद कर रहा है. भारत ने सेना और एनडीआरएफ की कई टीमें मदद के लिए भेजी हैं, जो लोगों को बचाने और घायलों का इलाज करने में मदद कर रही हैं. भारत ने तुर्की और सीरिया को दवा से लेकर राहत सामाग्री तक भेजी हैं. तुर्की के लोग भारत के ‘ऑपरेशन दोस्त’ की जमकर सराहना कर रहे हैं.

मैं भारतीय सेनाका आभारी हूं- फुरकान

फुरकान नाम के एक तुर्की नागरिक ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘मैं वास्तव में भारतीय राहत और बचाव दल का आभारी हूं क्योंकि वे ऐसे पहले समूह हैं जो यहां पहुंचे हैं. मैं पहली बार भारत के उस समूह से मिला और मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकता. मैं उन्हें ‘दोस्त’ कहता हूं लेकिन मैं उन्हें भाई-बहन की तरह देखता हूं.’

हटे प्रांत के फील्ड अस्पताल में इलाज शुरू

तुर्की के हटे प्रांत में भारतीय राहत और बचाव दल ने 30 बेड का फील्ड अस्पताल बनाया है. इसमें सर्जिकल और इमरजेंसी वार्ड भी हैं. गुरुवार से इस अस्पताल में इलाज शुरू हो गया. शुक्रवार को इस्केंडरन में स्थिति एक दूसरे फील्ड अस्पताल में रेस्क्यू किए गए 106 लोगों का इलाज किया गया. हटे के फील्ड अस्पताल की 99 सदस्यीय टीम में 13 डॉक्टर, ऑर्थो और जनरल सर्जन, ओरल मैक्सिलोफेशियल सर्जन, कम्यूनिटी मेडिसिन स्पेशलिस्ट, लॉजिस्टिक ऑफिसर और तीन मेडिकल ऑफिसर शामिल हैं.

60 पैरा फील्ड अस्पताल के सेकेंड-इन-कमांड लेफ्टिनेंट कर्नल आदर्श ने एएनआई को बताया, ’60 पैरा फील्ड अस्पताल भारतीय सेना के पैरा-ब्रिगेड का एक हिस्सा है. यहां पहुंचने के तुरंत बाद हमने अपना अस्पताल एक स्कूल की इमारत में स्थापित किया. हमारे यहां लैब और एक्स-रे की सुविधा है. हमने तुरंत इलाज शुरू किया.’

जान बचा रही रही भारतीय सेना

भारतीय सेना के अधिकारी ने यह भी बताया कि अस्पताल में एक मरीज की 3.5 घंटे लंबी सर्जरी की गई, जो वर्तमान में स्थिर है. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास ऐसे लोग भी थे, जिन्हें तीन दिनों के बाद मलबे से बाहर निकाला गया था. हमने उन्हें स्थिर किया और हर संभव मदद मुहैया करा रहे हैं. हमने एक दिन पहले 3.30 बजे 3.5 घंटे लंबी कठिन सर्जरी की. मरीज की हालत स्थिर है और आज अदाना में टेरिटरी केयर के लिए उसे भेजा गया था.

भारत ने शनिवार को तुर्की और सीरिया को और अधिक जीवन रक्षक दवाएं और राहत सामग्री भेजी. ये सामग्री सी-17 सैन्य विमान से भेजी गई हैं. भारत ने तुर्की और सीरिया को 841 कार्टन दवाइयां, प्रोटेक्शन सेफ्टी टूल्स और 6.19 टन वजन वाले डायग्नोस्टिक्स भेजे. भूकंप इस त्रासदी में रूस भी सीरिया की बड़ी मदद कर रहा है. रूस ने मिलिट्री विमानों से भूकंप पीड़ितों के लिए खाने का सामान और दवाईयां भेजी हैं.