‘सड़क हादसे पर 300 शब्दों का निबंध लिखो…’, पोर्शे कार से 2 की जान लेने वाले रईसजादे को इन शर्तों पर मिली जमानत
पुणे की एक अदालत ने शराब के नशे में तेज रफ्तार में कार चलाते हुए लड़की और लड़के को टक्कर मारने वाले आरोपी नाबालिग को 15 घंटे के अंदर जमानत दे दी. हालांकि, आरोपी को जिन शर्तों पर जमानत दी गई है, उसको लेकर भी काफी चर्चा हो रही है. वहीं मृतक लड़की के परिवार वालों ने आरोपी की जमानत पर विरोध जताया.
महाराष्ट्र के पुणे में शराब के नशे में धुत एक नाबालिग ने दो करोड़ की पोर्शे कार से बाइक सवार दो लोगों को रौंद दिया. हादसे में बाइक पर बैठी युवती की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके साथी ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. घटना के बाद वहां मौजूद लोगों ने नाबालिग की पिटाई कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी, लेकिन आरोपी नाबालिग को कोर्ट ने 15 घंटों के अंदर ही जमानत दे दी. हादसा 18 मई को हुआ था. आरोपी पुणे के नामी बिल्डर का बेटा बताया जा रहा है. उसकी उम्र 17 साल के आसपास है.
इस हादसे में जिनकी जान गई, वो दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे. दोनों किसी पब से पार्टी कर के लौट रहे थे. उस समय घटनास्थल पर मौजूद एक शख्स ने बताया कि, “मैं रविवार की रात वहां ऑटो रिक्शा के साथ था. एक लड़का और एक लड़की बाइक पर आ रहे थे. जब वे सड़क पार कर रहे थे, तभी अचानक एक तेज रफ्तार पोर्श कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी. टक्कर से बाइक 10 फीट उछलकर ऊपर से नीचे गिर गई. टक्कर के बाद लड़की की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि लड़के ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. हादसे के वक्त पोर्श कार में तीन नाबालिग सवार थे.” घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने कार में सवार दो नाबालिगों को पीट दिया, जबकि एक किशोर फरार हो गया.
जांच रिपोर्ट आने से पहले ही जमानत
नाबालिग आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा-304 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिस तरीके से गाड़ी दुर्घटना का शिकार हुई है, पुलिस को संदेह है कि आरोपी शराब पीकर गाड़ी चला रहा था. इसलिए पुलिस ने आरोपी के खून की जांच भी कराई. हालांकि कोर्ट ने जांच के नतीजे आए बगैर आरोपी को जमानत दे दी.
किन शर्तों पर मिली जमानत
कोर्ट ने जिन शर्तों पर आरोपी नाबालिग को जमानत दी, उसकी चर्चा जोरों-शोरों से हो रही है. कोर्ट ने कहा कि नाबालिग को 15 दिनों तक यरवदा मंडल की पुलिस के साथ मिलकर ट्रैफिक कंट्रोल में मदद करनी होगी. शराब छोड़ने के लिए मनोचिकित्सक के पास इलाज कराना होगा. अदालत के फैसले के अनुसार, आरोपी को सड़क दुर्घटनाओं के परिणामों और उनके उपायों पर कम से कम 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा.
नाबालिग आरोपी के वकील प्रशांत पाटिल ने बताया कि कोर्ट ने शर्त रखी है कि लड़के को 15 दिन के लिए यरवदा में ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा. दुर्घटनाओं पर एक निबंध लिखना होगा. शराब पीने की आदत का इलाज और काउंसिलिंग मनोचिकित्सक से करानी होगी.
मृतक लड़की के परिवार ने जमानत का विरोध किया
वहीं आरोपी नाबालिग की जमानत का मृतका अश्वनी कोष्टा के परिवार ने विरोध जताया. परिवार ने की हादसे को अंजाम देने वाले नाबालिग पर कड़ी कार्रवाई की मांग की. परिवार ने कहा कि वह हर स्तर की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. अश्विनी कोष्टा मध्य प्रदेश केजबलपुर की रहने वाली थी. वह दो साल से पुणे में सॉफ्टवेयर कंपनी में काम कर रही थी. हादसे में अश्वनी की मौत की खबर पाकर परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है.