बहरामपुर से यूसुफ पठान को अधीर चौधरी के खिलाफ ममता ने क्यों उतारा? जानिए राजनीतिक मंशा
तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बहरामपुर लोकसभा सीट से क्रिकेटर युसूफ पठान को उतार कर बड़ा दांव खेला है. अधीर रंजन चौधरी फिलहाल बहरामपुर से कांग्रेस के सांसद हैं और ममता बनर्जी से उनका छत्तीस का आंकड़ा है.
तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की और उस उम्मीदवार सूची में कई चौंकाने वाले नाम हैं. राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने बहरामपुर में केकेआर के पूर्व स्टार क्रिकेटर युसूफ पठान को मैदान में उतारकर आश्चर्यचकित कर दिया. युसूफ पठान गुजरात के रहने वाले हैं. उन्होंने लंबे समय तक भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए खेला है. वह एक बार आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेले थे. उनके भाई इरफान पठान भी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी हैं.
अधीर चौधरी लगातार पांच बार से बहरामपुर से सांसद हैं और ममता बनर्जी से अधीर रंजन चौधरी का छत्तीस का आंकड़ा है. इंडिया गठबंधन में सीटों का समझौता नहीं होने के पीछे अभिषेक बनर्जी और ममता बनर्जी अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदार ठहराया रहे हैं.
विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक अधीर चौधरी और ममता बनर्जी की पार्टी के बीच वाकयुद्ध चलते रहता है. अधीर चौधरी तृमणूल कांग्रेस पर हमला बोलते रहे हैं. राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल उठाते रहे हैं.
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पांच बार से लगातार सांसद हैं अधीर, ममता से छत्तीस का आंकड़ा
बहरामपुर में साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी के अपूर्ब सरकार (डेविड) को पराजित किया था. बता दें कि अपूर्व सरकार पहले कांग्रेस के साथ थे, लेकिन वह टीएमसी में शामिल हो गए थे. वह 1999 से लगातार बहरामपुर के सांसद हैं. टीएमसी से कांटे की टक्कर के बावजूद अभी भी तृणमूल उन्हें पराजित नहीं कर सकी है. 2019 के चुनाव में बीजेपी की लहर के बावजूद अधीर चौधरी विजयी रहे थे.
साल 2014 में जब कांग्रेस सबसे खराब स्थिति में थी. उन्होंने बरहामपुर में 3 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी. पिछले लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी को मुर्शिदाबाद में अधीर को हराने का काम सौंपा था. शुभेंदु अधिकारी ने विधायकअपूर्वा सरकार को कांग्रेस से बेदखल कर दिया और उन्हें तृणमूल का उम्मीदवार बना दिया. लेकिन अपनी सारी ताकत लगाने के बाद तृणमूल अधीर को हरा नहीं सकें. अधीर चौधरी करीब 90 हजार वोटों से जीत हासिल की.
बता दें कि बहरामपुर का इलाका मुस्लिम बहुल है और अधीर चौधरी की इलाके में पकड़ मानी जाती है. ममता बनर्जी ने मुस्लिम समुदाय से युसूफ पठान को उतार कर अल्पसंख्यकों को भी संदेश दिया है और सेलिब्रेटी का चुनाव पर अलग असर रहता ही है.
अधीर को हराने के लिए ममता ने चला नया दांव
2021 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए और बहरामपुर की सभी सात विधानसभा सीटों में से छह पर टीएमसी ने और एक पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है. इस तरह से एक भी विधासनभा सीट पर कांग्रेस का फिलहाल कब्जा नहीं है. अब राजनीतिक अहम माने जाने वाले बहरामपुर को जीतने के लिए तृणमूल ने नए घोड़े पर दांव लगाया है।.कुछ दिन पहले ही युसूफ पठान से संपर्क किया गया था.
यूसुफ अब श्रीलंका प्रीमियर लीग में खेल रहे हैं. वह शनिवार रात कोलंबो से मुंबई लौटे. इसके बाद वह रविवार सुबह कोलकाता पहुंचे. ब्रिगेड में पहली बार ममता-अभिषेक ने युसूफ से बात की. उन्हें बहरामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए राजी किया गया. वह भी सहमत हो गये. बहरामपुर में इस बार अधीर और युसूफ खान के बीट कांटे के मुकाबले के आसार हैं.