FAME Subsidy: ‘झूठ’ बोलकर इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों ने उठाया ये फायदा, अब खुल गई पोल
देश में इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स कंपनियों का एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है. कई कंपनियां 'झूठ' फैलाकर सरकार से मिलने वाली सब्सिडी का फायदा उठा रही थीं. पढ़ें ये खबर...
देश इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़े इसके लिए सरकार कई कदम उठा रही है. यहां तक की इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स से लेकर कार और बस तक की खरीद पर भारी सब्सिडी भी दे रही थी. लेकिन इसी सब्सिडी को लेकर इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स कंपनियों का एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है. ये सभी कंपनियां ‘झूठ’ बोलकर सरकारी सब्सिडी का फायदा उठा रही थीं.
देश में तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल का उपयोग बढ़े, इसके लिए केंद्र सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये की फेम सब्सिडी शुरू की थी. इसके लिए इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स कंपनियों को कुछ नियमों का पालन करना था, और इसी मामले में आधे से अधिक इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स की सेल ‘झूठ’ बोलकर की गई है.
लोकलाइजेशन के बारे में बोला ‘झूठ’
सरकार से फेम सब्सिडी पाने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों को लोकलाइजेशन से जुड़े नियमों का पालन करना था. इसका एक मकसद देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना भी था. हालांकि इन कंपनियों ने इसी नियम को लेकर सरकार को झांसा दिया और सब्सिडी का फायदा उठाया.
ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने एक जांच में पाया कि अधिकतर कंपनियों ने इलेक्ट्रिक मोटर्स, कंट्रोलर्स और ऑन-बोर्ड चार्जर जैसे प्रमुख पार्ट्स इंपोर्ट किए. इन कंपनियों ने अपने वाहनों के साथ इन पार्ट्स के लोकल लेवल पर खरीदे जाने की गलत जानकारी दी और सरकारी सब्सिडी का फायदा उठाया. एआरएआई की जांच मे पाया गया कि देश में हर दूसरा इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर इसी धोखाधड़ी के साथ बेचा गया.
सरकार ने अप्रैल 2022 के बाद से इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स पर दी जाने वाली करीब 1400 करोड़ की सब्सिडी को रोक कर रख लिया है. जबकि ये कंपनियां लगातार अपने ऐसे वाहनों को सरकार के पास सब्सिडी पाने की लिस्ट में भेजी जा रही हैं. अब इस जांच के बाद इन वाहनों को सब्सिडी देने की लिस्ट से हटा दिया गया है.
मंत्रालय ने घटाई वाहनों की संख्य
भारी उद्योग मंत्रालय ने फेम सब्सिडी पाने वाले वाहनों की संख्या को घटाकर 5,64,000 कर दियाा. जबकि पहले संख्या 9,89,000 थी. सरकार ने अप्रैल 2024 तक देश में 10 लाख इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स के लिए सब्सिडी देने का लक्ष्य तय किया था. सरकार अब हर नए वाहन प्रति किलोवाट के हिसाब से 10,000 रुपये की सब्सिडी देती है, जो पहले 15,000 रुपये प्रति किलोवाट थी.