सम्राट चौधरी के अध्यक्ष पद से हटने के बाद बिहार बीजेपी में क्या-क्या बदला?
बिहार में लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर मिली हार के बाद बीजेपी ने सम्राट चौधरी को अध्यक्ष की कुर्सी से हटाकर संगठन के नेता दिलीप जायसवाल को राज्य की कमान सौंपी है. अध्यक्ष बनने के बाद जायसवाल उन कील-कांटों को दुरुस्त कर रहे हैं, जो सम्राट की राह में रोड़ा बन गए थे.
पटना के बीरचंद पटेल स्थित बीजेपी कार्यालय में इन दिनों आम जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ रहती है. आम जनता और कार्यकर्ता यहां आकर मंत्री और संगठन के नेताओं के सामने अपनी फरियाद लगाते हैं. कुछ का तुरंत समाधान होता है तो कुछ को आगे का आश्वासन मिलता है. चुनावी साल में जुट रही इस भीड़ से संगठन के नेता गदगद हैं. कहा जा रहा है कि यह सब संभव हाल ही में अध्यक्ष बने दिलीप जायसवाल के एक फैसले की वजह से हो पाया है.
लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर मिली हार के बाद बीजेपी ने सम्राट चौधरी को अध्यक्ष की कुर्सी से हटाकर संगठन के नेता दिलीप जायसवाल को बिहार की कमान सौंपी है. अध्यक्ष बनने के बाद जायसवाल उन कील-कांटों को दुरुस्त कर रहे हैं, जो सम्राट की राह में रोड़ा बन गए थे.
अध्यक्ष बनते ही लगाई मंत्रियों की ड्यूटी
बीजेपी अध्यक्ष बनते ही दिलीप जायसवाल ने बिहार सरकार के सभी मंत्रियों को बीजेपी दफ्तर में आकर जनसुनवाई करने के लिए कहा. गुरुवार से मंत्रियों ने इस पर अमल भी करना शुरू कर दिया. पहले दिन श्रम मंत्री संतोष सिंह ने अपने विभाग से जुड़ी समस्याओं को सुना. शुक्रवार को डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने जनता दरबार लगाया.
प्रदेश कार्यालय की तरफ से सभी मंत्रियों का शेड्यूल तय किया गया है. इस शेड्यूल के मुताबिक दोनों डिप्टी सीएम अपने घर पर तो बाकी के मंत्री बीजेपी कार्यालय में जनता दरबार लगाएंगे. दिन की बात की जाए तो मंगलवार को डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और शुक्रवार को डिप्टी सीएम विजय सिन्हा जनता दरबार में शामिल होंगे.
सोमवार को मंगल पांडेय, केदार गुप्ता और कृष्णनंदन पासवान की ड्यूटी लगाई गई है. बुधवार को रेणु देवी, नीतीश मिश्रा और दिलीप जायसवाल खुद लोगों की समस्या सुनेंगे. गुरुवार को नितिन नवीन, संतोष सिंह और सुरेंद्र मेहता का कार्यक्रम लगाया गया है.
शनिवार को प्रेम कुमार, नीरज बब्लू, हरि सहनी और जनक राम जनता दरबार में बैठेंगे. बीजेपी ने इसे सहयोग कार्यक्रम नाम दिया है. शेड्यूल जारी करते हुए दिलीप जायसवाल ने सभी मंत्रियों से इगो खत्म कर लोगों का काम करने की सलाह दी.
कहा जा रहा है कि इस फैसले से मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के बीच आसानी से कॉर्डिनेशन बन पाएगा. सम्राट चौधरी पर कार्यकर्ताओं और नेताओं का नहीं सुनने का आरोप लग रहा था. हरी मांझी और अश्विनी चौबे ने तो खुलकर सम्राट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.बिहार में अब तक सिर्फ जेडीयू कोटे के मंत्री नियमित रूप से प्रदेश कार्यालय में जनता दरबार लगाते रहे हैं.
जिला स्तर पर विस्तृत कार्यसमिति की बैठक
लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी राज्य स्तर पर विस्तृत कार्यसमिति की बैठक कर रही है. बिहार में अध्यक्ष बनने के बाद दिलीप जायसवाल ने इसे एक स्टेप और आगे बढ़ाया है. बिहार में बीजेपी जिला स्तर पर विस्तृत कार्यसमिति की बैठकों का आयोजन कर रही है.
पार्टी उन जिलों पर विशेष फोकस कर रही है, जहां पर उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में हार मिली है. मसलन, आरा, बक्सर और औरंगाबाद जैसे जिलों में पार्टी ने इस कार्यसमिति की बैठक का जिम्मा बड़े नेताओं को दी है. बैठक का उद्देश्य 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं को एकजुट करना है.
बिहार में 2025 के अक्टूबर में विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं. बीजेपी अभी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है और उसकी कोशिश इस ताज को बरकरार रखने की होगी.
शहाबाद-सीमांचल पर विशेष ध्यान
2020 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को शहाबाद और सीमांचल मे ही सबसे बड़ा झटका लगा. पार्टी अब इस दोनों ही इलाके में मजबूती से उभरने की तैयारी कर रही है. दिलीप जायसवाल सीमांचल के ही हैं तो पार्टी को उनसे काफी उम्मीद भी है.
जायसवाल ने भी सीमांचल फतह के लिए प्लान तैयार किया है. उन्होंने इस इलाके में मानवता के नाम पर आगे बढ़ने की रणनीति बनाई है. हाल ही में किशनगंज दौरे पर पहुंचे जायसवाल ने कहा है कि जाति और धर्म से उठकर अब सीमांचल सिर्फ मानवता के लिए मतदान करेगा.
सीमांचल के कटिहार, पूर्णिया और शहाबाद के आरा, काराकाट और बक्सर में 2024 के चुनाव में एनडीए को करारी शिकस्त मिली है. बीजेपी को जिन 5 सीटों पर हार मिली है, उनमें से 3 सीटें शहाबाद की ही है.