इस किसान ने इजरायली तकनीक से शुरू की खेती, अब ऐसे लाखों में हो रही इनकम

इस किसान ने इजरायली तकनीक से शुरू की खेती, अब ऐसे लाखों में हो रही इनकम

किसान फुलेश्वर महतो की माने तो भारतीय कृषि और इजरायली कृषि में बहुत बड़ा अंतर है. इजरायल के किसान खेती करने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहां पर किसान ग्रीनहाउस के अंदर खेती करते हैं. इसमें किसी भी सीजन में किसी भी सब्जी की खेती करना संभव है.

भले ही इजरायल एक छोटा देश है, लेकिन अपनी तकनीक, मिलिट्री शक्ति और उन्नत कृषि पद्धति के लिए यह पूरे विश्व में फेमस है. भारत, इजरायल से न सिर्फ हथियार खरीदता है, बल्कि इजरायली कृषि तकनीक को भी अपना रहा है. खास कर इजरायली तकनीक से बागवानी सेक्टर में क्रांति सी आ गई है. इससे उत्पादन के साथ- साथ किसानों की कमाई भी बढ़ गई है. आज हम एक ऐसे किसान के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने इजरायल में जाकर खेती करने की ट्रेनिंग ली और अब अपने गांव में आकर बागवानी कर रहे हैं. इससे उनकी इनकम दोगुनी हो गई है.

दरअसल, हम जिस शख्स के बारे में बात कर रहे हैं, उनका नाम फुलेश्वर महतो है. वे झारखंड के हजारीबाग के चरही के रहने वाले हैं. उन्होंने इजराइल में जाकर खेती करने की ट्रेनिंग ली है. इसके बाद वे अब अपने गांव में आकर सब्जियों के पौधे तैयार कर रहे हैं. किसान फुलेश्वर महतो का कहना है कि वे कृषि तकनीक को सीखने के लिए साल 2017 में इजरायल गए थे. खास बात यह है कि उन्हें आईसीआर के द्वारा आयोजित भारत इजरायल कृषि परियोजना के माध्यम इजरायल भेजा गया था. वहां, पर उन्होंने खेती करने की आधुनिक तकनीकों को सीखा और वापस आकर अपने गांव में खेती शुरू कर दी.

5 लाख बीजों की बुवाई कर नर्सरी तैयार की

किसान फुलेश्वर महतो का कहना है कि इजरायल से वापस आकर सबसे पहले उन्होंने अपने खेत में ग्रीनहाउस लगवाया. इसके अंदर उन्होंने सब्जी की नर्सरी तैयार की. उनका कहना है कि उन्होंने सबसे पहले मानसून के सीजन में 5 लाख बीजों की बुवाई कर नर्सरी तैयार की. इससे उन्हें लाखों रुपये की इनकम हो रही है. उनका कहना है कि नर्सरी में 30 दिन में पौधे तैयार हो जाते हैं.

साल में लाखों रुपये की कमाई होती है

फुलेश्वर महतो की माने तो वे ग्रीनहाउस में इजरायल तकनीक से नर्सरी तैयार कर रहे हैं, जिसमें टमाटर, मिर्च, बैंगन और पत्ता गोभी के पौधे शामिल हैं. वे सब्जियों के पौधों को तैयार करके किसानों को बेच देते हैं. इससे उन्हें साल में लाखों रुपये की कमाई होती है.