बिहार में बदल गए पासपोर्ट बनवाने के नियम, अब ‘दाग’ छुपा न पाएंगे लोग!

बिहार में बदल गए पासपोर्ट बनवाने के नियम, अब ‘दाग’ छुपा न पाएंगे लोग!

बिहार में पासपोर्ट बनाने के दौरान की जाने वाली पुलिस वेरिफिकेशन का काम अब आसान हो गया है. बिहार के सभी थानों को अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क (सीसीटीएनएस) से जोड़ दिया गया है. जिससे कोई भी प्रदेश के किसी भी थाने में बैठकर किसी भी व्यक्ति की आपराधिक कुंडली की जांच कर सकेगा.

बिहार में पासपोर्ट बनाने के नियम में बदलाव किया गया है. पुलिस वेरिफिकेशन के दौरान अब आपराधिक रिकॉर्ड छिपाना आसान नहीं होगा. पासपोर्ट बनवाने के दौरान पुलिस वेरिफिकेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिसे मजबूती देने के लिए बिहार में अब अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (सीसीटीएनएस) का सहारा लिया जाएगा. इस सिस्टम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य पासपोर्ट बनाने के कामों तेजी और पारदर्शिता लाना है.

बिहार में पासपोर्ट बनवाने के दौरान आपराधिक रिकॉर्ड छुपाना अब आसान नहीं होगा. पासपोर्ट बनाने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन का काम अब अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (सीसीटीएनएस) की मदद से किया जाएगा. इस सिस्टम में सभी थानों को जोड़ दिया जाएगा, जिससे किसी भी आपराधिक कुंडली जानना आसान हो जाएगा. इस संदर्भ में सभी थानों की पुलिस और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

सीसीटीएनएस थाने से जोड़े गए पुलिस स्टेशन

फरवरी के पहले हफ्ते में सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय में स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया था, जिसमें पुलिस अधिकारियों के अलावा क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के पदाधिकारी भी शामिल हुए थे. प्रदेश भर के सभी पुलिस स्टेशन सीसीटीएनएस सिस्टम से जोड़ दिया गया है. सीसीटीएनएस पोर्टल की खास बात यह है कि राज्य के किसी भी थाने में अगर किसी व्यक्ति पर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज है, तो उसकी जानकारी किसी भी थाने में बैठकर आसानी से ली जा सकेगी.

एम पासपोर्ट ऐप

पासपोर्ट का आवेदन आने पर पुलिस सीसीटीएनएस पोर्टल पर आवेदक का नाम और फोटो अपलोड कर उसके आपराधिक कुंडली की जांच करेगी. इस पोर्टल के चलन में आने के बाद पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया आसान हो जागएी. पुलिस वेरिफिकेशन के दौरान लगने वाले समय की बचत होगी. पासपोर्ट के काम में तेजी लाने के लिए पुलिस एम पासपोर्ट ऐप का इस्तेमाल कर रही है. इस ऐपके जरिए सभी थानों में पासपोर्ट के आवेदन ऑनलाइन ही आ जाते हैं. वहीं, इससे पहले थानों में आवेदन की हार्ड कापी पहुंचती थी, जो कई कार्यालयों से होते ही वापस पासपोर्ट आफिस भेजी जाती थी.